सि रदर्द से परेशान लोगों को मछली का सेवन अपने भोजन में करना चाहिए, इससे पीड़ादायक दर्द से भी निजात मिलती है। यहां तक की आर्थराइटिस की समस्या में भी मछली का सेवन कारगर हो सकता है। सेलमन, टूना, मेकेरल और सेरडान्स इस लिहाज से बहुत कारगर हैं। मछली में ओमेगा आइल होता है, जो शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है।
बुखार होने की स्थित योगर्ट का सेवन भी बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है।
आर्टरी वाल्स में फैटी डिपोजिट को जमने से रोकने के लिए नियमित चाय का सेवन भी लाभकारी बताया गया है। क्योंकि चाय भूख भी मारती है और वजन बढ़ने से भी रोकती है इस लिहाज से ग्रीन टी के फायदे ज्यादा हैं।
जिन लोगों को अनिद्रा की समस्या हो वे शहद का सेवन करने यह सेडिटेटिव की तरह उपयोगी हो सकता है।
अस्थमा के रोगियों के लिए प्याज वरदान हो सकती है, जो ब्रोंकियल ट्यूब्स में हवा के प्रवाह को सामान्य बनाए रखने में सहायक होती है। बच्चों को इस तरह की समस्या होने पर छाती पर प्यार मसलने से भी श्वसनतंत्र को राहत मिलती है।
केला पेट की खराबी के लिए सबसे अच्छा फल है साथ ही मॉर्निंग सिकनेस और घबराहट में भी अदरक के गुणों का फायदा लिया जा सकता है।
क्रेनबेरी जूस का सेवना मूत्र जलन में कारगर होता है। यह नुकसानकारी बैक्टीरिया का सफाया करता है।
हड्डियों से संबंधित समस्या के समाधान के लिए पाइनेपल का सेवन कारगर होता है और बोन फ्रेक्चर और आस्टियोपोरोसिस से जुड़ी समस्याओं में भी इससे लाभ मिलता है। अत: अधिक उम्र के लोग अपनी डाइट में पाइनेपल का जूस शामिल कर सकते हैं।
राजोनिवृत्ति से पूर्व महिलाओं में होने वाले नकारात्मक प्रभावों जैसे डिप्रेशन और एंग्जाइटी व कमजोरी को कॉर्नफ्लेक का सेवन करना काफी हद तक दूर किया जा सकता है।
दिमाग में ठंड के कारण कुछ ठसा सा महसूस होने और सिर में भारीपन लगने पर व सर्दी जमने पर लहसुन का सेवन कारगर होता है यह कोलस्ट्रॉल को भी कम करती है। जिनके हाथ-पैर इस मौसम में बफ की तरह ठंडे होते हैं वे भी लहसुन की कुछ कलियां आग की गर्म आंच पर सेंककर नियमित खाएं। कुछ दिनों में ही लाभ देखा जा सकता है।
No comments:
Post a Comment