Wednesday, January 19, 2011

स्वास्थ के लिए हेल्थ ड्रिंक्स

जूस का सेवन पेय पदार्थों के रूप में सर्वत्र किया जाता है, परंतु आमतौर पर लोगों को इसका पता नहीं है कि कौन सा जूस कब लेना हितकर होता है। अगर इस बात को ध्यान में रखकर जूस पिया जाए, तो इससे न सिर्फ अनेक बीमारियों का उपचार ही हो सकता है, बल्कि अनेक बीमारियों को निकट आने से भी रोका जा सकता है। न सिर्फ फलों का जूस बल्कि सब्जियों के रसों में भी सेहत के बड़े-बड़े गुण समाए हैं। अत: आइए जानें कि किस बीमारी में किस जूस का प्रयोग करेंअ नद्रा: जिन लोगों को नींद कम आती है या फिर बीच-बीच में टूटती है या बिलकुल ही नींद नहीं आती उनके लिए जूस का ये कांबिनेशन लाभकारी है। ऐसे पीड़ितों को सेब, अमरूद और आलू का रस तथा पालक और गाजर के मिश्रित रस को अनिद्रा की स्थिति में पीना फायदेमंद होता है। अपच: प्रात:काल खाली पेट एक गिलास कुनकुने पानी में एक नीबू निचोड़कर पिएं। भोजन के समय से आधा घंटा पहले एक चम्मच अदरक का रस पिएं। पपीता, अनानास, ककड़ी और पत्तागोभी का रस तथा गाजर और पालक के मिश्रित रस का सेवन करें। आजकल बिगड़ी हुई लाइफ स्टाइल के कारण गलत खान-पान के अधिकतर लोग आदी हैं। इस स्थिति में यह रस लाभकारी हो सकता है। फे्रक्चर: हड्डी रोग विशेषज्ञ से उपचार कराने के बाद यथा शीघ्र लाभ के लिए पालक, मेथी, अजवाइन के रसों को मिलाकर सेवन करें। आधा सिरदर्द: एक गिलास पानी में एक नीबू का रस तथा एक चम्मच अदरक का रस मिलाकर पिएं। आंतों का उपदश: पाचक रसों में हाइड्रोक्लोरिक एसिड के अत्यधिक स्राव के कारण अंतस्त्वचा का क्षय होने से आंतों में घाव हो जाते हैं। इस अतिस्राव का कारण अधिकतर मानसिक तनाव या संताप होता है। घाव भरने के लिए गोभी का रस अकसीर सिद्ध हुआ है। इसके लिए प्रतिदिन 400-500 मिली तक गोभी का रस पीना चाहिए। इसके बाद ककड़ी, पपीता और आलू का रस भी पिया जा सकता है। याद रखें ऐसे पीड़ितों को खट्टे फलों के रस का सेवन नहीं करना चाहिए। एसीडिटी: गोभी और गाजर का मिश्रित रस पिएं, उसके बाद ककड़ी, आलू, सेब, मौसमी और तरबू़ज का रस भी लिया जा सकता है। दूध का सेवन भी करना चाहिए। कोलाइटिस: गाजर और पालक के मिश्रित रस का सेवन करें। ककड़ी, सेब, पपीते, आलू, बिल्बफल और संतरे का रस भी लाभयदायक है। कृमि: एक गिलास गर्म जल में एक चम्मच लहसुन का रस और एक चम्मच प्याज का रस भी मिलाकर उसका सेवन करें। कुम्हडे और अनानास का रस भी उपयोगी है। इसके बाद मैथी, पुदीने का मिश्रित रस तथा पपीते का रस भी उपयोगी है।

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