Wednesday, January 19, 2011

सर्दियां में रखे खास ख्याल

सर्दी का मौसम अपने पूरे शबाब पर हैं। ऐसे में उन लोगों के साथ कई तरह की समस्याएं होती हैं, जो इस मौसम में शरीर और त्वचा पर ध्यान नहीं दे पाते। तो क्या करें इस मौसम में...


एक्सरसाइज रखें जारी- सर्दी में ठंड के चलते वे लोग भी एक्सरसाइज छोड़ देते हैं, जो आठ महीने तो कसरत को अहमियत देते हैं, लेकिन सर्दी के इन चार महीनों में आलस्य कर जाते हैं, जबकि विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह से एक्सरसाइज के शेड्यूल को स्किप करना ठीक नहीं है। इस मौसम में भी नियमित रूप से आधुनिक या अन्य एक्सरसाइज करके आप शारीरिक गर्मी को बनाए रख सकते हैं। आउटडोर एक्सरसाइज करने वाले भी इस मौसम में कतराते हैं अत: आउटडोर एक्सरसाइज भी इस मौसम में जारी रखना अच्छा होता है, लेकिन हृदय रोग और श्वसन संबंधी परेशानियों से जूझ रहे लोग पहले अपने चिकित्सक या फिटनेस ट्रेनर से सलाह ले लें। 

तरल लें पर्याप्त- इस मौसम में प्यास बहुत कम लगती है, तो लोग पानी कम पीते हैं। नतीजा यह होता है कि पानी व अन्य तरल चीजों को इग्नोर करने के कारण डिहाइड्रेशन की समस्या भी हो सकती है। जो समस्याएं अमूमन गर्मी में होती हैं। वे इस तरह के इग्नोरेंस के कारण सर्दी में भी होना आम हैं। अत: प्यास न लगने पर भी कम से कम पानी की मात्रा को शरीर में संतुलित रखें और निर्जलीकरण से बचें। कफ या सर्दी से जूझ रहे लोग खट्टे फलों के जूस को छोड़कर अन्य फलों के रसों का सेवन भी करें व ऐसा भोजन लें जिसमें जल की मात्रा अधिक से अधिक हो। लेकिन इसके स्थान पर चाय-कॉफी या कैफीन युक्त पेय पदार्थों का अधिकता में सेवन हानिकारक है।
खाने का रखें ख्याल- चिप्स, बैक्ड फूड की अपेक्षा अपने खाने में हॉट एपेटाइजर्स, जिनमें टमाटो सूप या मांसाहारी लोगों के लिए चिकन बेजीटेबल सूप एक उत्तम आहार है। एक शोध के अनुसार चिकन वेजीटेबल सूप में न केवल किसी भी तरह की कमजोरी और बीमारियों से जूझने की ताकत होती है, बल्कि कम कैलोरी में अधिक पोषण भी इनसे आपके शरीर को मिल सकता है।

स्किन प्रोटेक्शन- इस मौसम में पूरा शरीर रूखा और खुरदुरा हो जाता है। शरीर के खुले भाग जैसे बांहें और चेहरे इस मौसम में ज्यादा प्रभावित होते हैं। वातावरण में आर्द्रता की कमी शरीर में मौजूद नमी को टिकने नहीं देती। रूखेपन का एक और कारण होता है गर्म पानी और साबुन। गर्म पानी नमी सोख लेता है और पानी में मौजूद क्लोरीन इसे और शुष्क बनाती है। शरीर के भाग, जो वास्तव में नमी रहित हो जाते हैं, वे हैं पैरों व हाथों के पंजे, घुटने और कोहनी। ये भाग सर्दियों में अतिरिक्त देखभाल चाहते हैं। घरेलू नुस्खे भी कम फायदेमंद नहीं होते। नहाने से पहले कोई भी क्रीम या तेल लगा लें। इसके बाद टॉवेल जैसे किसी कपड़े से पूरे शरीर को हल्के हाथों से रगड़िए।इससे त्वचा की ऊपरी सतह चिकनी रहेगी और रक्त संचार और शरीर की चमक बढ़ेगी। ठंड में एड़ियों का फटना भी सामान्य समस्या है। ठंडी हवांए न सिर्फ नमी खत्म कर देती हैं, बल्कि रक्त संचरण को भी प्रभावित करती हैं। और इसी कारण पैर फट जाते हैं, क्योंकि पैरों के पंजों की त्वचा शरीर के बाकी हिस्से की त्वचा से सख़्त और मोटी होती है। नमी की कमी से कैरेटनाइजेशन हो जाता है। अत: एड़ियों पर क्रीम लगाएं और उन्हें ठंडी हवा से बचाएं। एड़ियों पर नीबू- हल्दीयुक्त क्रीम लगाना अच्छा रहता है। रात को सोते समय पैरों को गुनगुने पानी में 20 मिनट रखें। यदि एड़ियों में दर्द हो, तो न जोर से रगड़ें, न ही धातु का स्क्रबर इस्तेमाल करें। पैरों को साफ पानी से धोने के बाद कोई भी अच्छी क्रीम लगा लें, जिसमें मॉइश्चराइ़जर ज्यादा हो। एड़ियों को मलमल या कॉटन के कपड़ों से बांधकर मोज़े पहन लीजिए। इससे क्रीम एड़ियों पर ही लगी रहेगी और बिस्तर भी खराब नहीं होगा। तो कीजिए ठंड में अपनी सेहत का बचाव।

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