अगर हमें आत्मविश्वासी और आत्मनिर्भर बनना है, तो हमें मुश्किलों और आलोचना के सामने इसी तरह की मजबूती की जरूरत है।’ यह कोई नई बात नहीं है। लोग हमेशा हमसे कहते हैं कि हमें आलोचना से ऊपर जीना चाहिए और अपने खुद के राग को सुनना चाहिए। लेकिन अच्छी सलाह से सच्ची आत्मनिर्भरता तक पहुंचने की यह छलांग लंबी है। तो आप अपने व्यक्तित्व को सबसे अच्छी तरह शक्तिशाली कैसे बना सकते हैं? यहां पर कुछ गुण बताए जा रहे हैं, जो मैंने लीक से हटकर जीवन जीने वाले लोगों पर अक्सर देखें हैं-
- लोग अपने दिमाग में आने वाले विचारों को खुलकर व्यक्त करते हैं- अगर हम अपनी राय ज्यादा खुलकर व्यक्त करें, तो शायद हमारी बातचीत ज्यादा दिलचस्प हो सकती है।
- लोग कभी-कभार खुद को हां कहने के लिए दूसरों को नहीं कह देते हैं- व्यवहार कुशलता के साथ नहीं कहने या इंकार करने के बहुत से तरीके होते हैं। और मान लीजिए, अगर कभी कभार हमारे इंकार से किसी को चोट पहुंच भी जाए, तो उससे क्या? यह उस चाशनी भरी जिंदगी जीने से तो बेहतर ही है, जहां हम हमेशा दूसरों की इच्छाओं के अनुसार काम करते रहें। ऐसे समय होते हैं, जहां सर्वश्रेष्ठ काम करने के लिए सिर्फ अच्छे काम को नहीं कहना होता है।
- लोग अपना समय ऐसे लोगों के साथ गुजारते हैं, जो उनकी अपारंपरिकता को प्रोत्साहित करते हों- ऐसे लोगों को खोजना एक दुर्लभ प्रतिभा है, जो आपके प्रति वफादार हों और आपकी रक्षा करने के साथ-साथ आपको निजता की जगह भी दें। आप उन्हें बहुत महत्व देना सीख लेते हैं और उन्हें भी निजता की उतनी ही जगह देते हैं, जितनी कि वे आपको देते हैं।
- उनमें अक्सर सहज प्रवृत्ति होती है- अगर हम अपनी भावनाओं के प्रति सच्चे हैं, तो हममें से ज्यादातर लोग पाएंगे कि हम स्वाभाविक रूप से कुछ ट्रेडमार्क विकसित कर लेते हैं। परंपरा का प्रतिरोध करना और थोड़ा नवाचारी होना आत्मनिर्भरता व आत्मविश्वास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
2 comments:
किसी भी क्रिया की ही प्रतिक्रिया होती है, इसलिए आप कुछ कर रहे हैं तभी आलोचना भी प्रारम्भ होती है। आलोचना के डर से जो कार्य बन्द कर देते हैं वे हमेशा ही भगोड़ों की तरह जीवन जीते हैं। अच्छा आलेख।
sarthak post, saty hi saty
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