Thursday, November 11, 2010

क्यों होता है घुटनों का दर्द

घुटनों का दर्द बीस साल की उम्र में भी शुरू हो सकता ।यह रोग किसी भी व्यवसाय  में लगे लोगों को होता है। एक बार दर्द शुरू हो जाता है और घुटने बदलने तक दर्द बंद नहीं होता है। दर्दनाशक दवाइयां खाते-खाते पेट बिगड़ता जाता है। पेट में अल्सर, शरीर का मोटापा आदि अनेक परिणाम दिखने लगते हैं। यह समस्या मोटे-दुबले दोनों प्रकार के स्त्री-पुरूषों में पाई जाती हैं। मोटे या स्थूल शरीर वालों को शीघ्र अनुभव होने लगता है,

क्यों होता है घुटनों का दर्द….
इसका सपाट उत्तर चिकित्सक यह कहकर देते हैं- शरीर मोटा होना, वंशानुगत या चोट लगने से, उमर का तकाजा, बुढ़ापा                                        आदि। लेकिन, अनुसंधान से घुटनों के दर्द का एक कारण का पता चला है कि इसकी और भी वजह हो सकती है कि किसी रोगी को घुटनों पर चोट लगना, दुर्घटना में घुटने की टूट-फूट होना, घुटनों के बल गिर पड़ना आदि से जो दर्द बढ़ता है, वह जीवनभर रह सकता है। उससे ट्रॉमा निर्माण होता है। उसे ट्रॉमा आर्थराइटिस कहते है। इसका स्थायी उपचार व्यायाम ही होता है। उपरोक्त कारण सभी जानते और मानते हैं, परंतु इनमें से  किसी भी कारण के न होने पर भी घुटनों में दर्द होता है तो उसका प्रमुख कारण घुटनों को मोड़कर (एक घुटना या दोनों) रात्रि को सोना पाया जाता है। जो व्यक्तिएक घुटना मोड़ता है उसका वही घुटना दर्द करता है और दूसरा ठीक रहता है।इसके अलावा  दैनिक जीवन में चलने-फिरने, चढ़ाव चढ़ने, सैर करने, व्यायाम करने, व्यायाम करने से घुटनों के जोड़ों में स्थित कारटीलेज का क्षय होता है। इसकी क्षतिपूर्ति रात्रि को घुटनों के सीधे रखने एवं रक्तसंचार सुचारू रूप से संभव है तभी कारटीलेज अपनी सामान्य आकृति में बनी रहती है और जोड़ का संचालन सामान्य होता है, परंतु रातभर घुटने मोड़ने से यह कार्य अनेक वर्षो से बंद हो जाता है। कारटीलेज में द्रव या कोलोजन रक्त प्रवाह के अभाव में आपस में जुड़ने लगती है। रोगी को खडे़ होने पर अपना वजन ढोना और चलते समय संतुलन बनाना मुश्किल लगता है। हडि्डयां आपस में टकराकर टेढ़ी होने लगती हैं।
रोगी को चलते समय घुटने मोड़े बिना चलना पड़ता है। घुटनों पर सूजन स्थायी रह जाती है और कभी-कभी रक्तका पानी बन जाता है, जिसे इंजेक्शन से निकालना पड़ता है तब रोगियों को घुटनों पर नीकैप या क्रेप बैंडेज बांधकर रात्रि सोने की सलाह दी जाती है। घुटनों के अधिक दर्द में वज्रासन या पद्मासन वर्जित माना जाता है।

घुटने के दर्द की मुख्य वजह, खून में युरिक एसिड के लेविल का बढना है। इसे शरीर से बाहर निकालने के लिये रोगी को दो बातों का अनुसरण करना हितकर होता है।
मौसम के मुताबिक तीन से छ: लिटर पानी पीने की आदत बनानी चाहिये
हरी सब्जी और फ़ल या इनका जूस का सेवन

घुटने के दर्द के और भी कई कारण हो सकते हैं
  • घुटने पर बार-बार दबाव से सूजन (जैसे लंबे समय के लिए घुटने के बल बैठना, घुटने का अधिक उपयोग करना अथवा घुटने में चोट) बरसाइटिस कहते हैं
  • आपके घुटने में सामने की ओर दर्द जो सीढ़ियों अथवा चढ़ाव पर चढ़ते और उतरते समय बढ़ जाता है। यह धावकों,  और साइकिल चलाने वालों को होता है। टेन्टीनाइटिस
  • घुटने के पीछे पानी के भरने से सूजन, साथ आर्थराइटिस जैसे अन्य कारणों से सूजन भी हो सकती है। यदि सिस्ट फट जाती है तो आपके घुटने के पीछे का दर्द नीचे आपकी पिंडली तक पहुंच  सकता है।
  • घिसा हुआ कार्टिलेज घुटने के जोड़ के अंदर की ओर अथवा बाहर की ओर दर्द पैदा कर सकता है।
  • झटका लगना अथवा मोच- अचानक अथवा अप्राकृतिक ढंग से मुड़ जाने के कारण लिगमेंट में मामूली चोट
  • जोड़ में संक्रमण(इंनफेक्शन)
  • घुटने की चोट- आपके घुटने में रक्त स्राव हो सकता है जिससे दर्द अधिक होता है
घरेलू  देखभाल….
घुटने के दर्द के कई कारण है, विशेषकर जो अति उपयोग अथवा शारीरिक क्रिया से संबंधित है। यदि आप स्वयं इसकी देखभाल करें तो इसके अच्छे परिणाम निकलते हैं।
  • आराम करें और ऐसे कार्यों से बचे जो दर्द बढ़ा देते हैं, विशेष रूप से वजन उठाने वाले कार्य
  • बर्फ लगाएं।  दिन में कम से कम चार बार लगाएं।
  • किसी भी प्रकार की सूजन को कम करने के लिए अपने घुटने को जहां तक  संभव हो ऊपर उठा कर रखें।
  • कोई ऐसा बैंडेज अथवा एलास्टिक स्लीव पहनकर घुटने को धीरे धीरे दबाएं। ये दोनों वस्तुएं लगभग सभी दवाइयों की दुकानों पर मिलती है। यह सूजन को कम कर सकता है और सहारा भी देता है।(नी कैप की तरह)
  • अपने घुटनों के नीचे अथवा बीच में एक तकिया रखकर सोयें
घुटनों के लिए व्यायाम …..
  • घुटनों का संचालन जंघा से पैर को दोनों हाथों से ऊपर उठाकर घुटने से पैर को आगे-पीछे दस पंद्रह बार चलाना।
  • वहीं पकडे़ हुए घुटने के निचले हिस्से से गोल घुमाना 10-10 बार सीधे-उलटे।
  • पैर लंबे करके बैठें और टखनों को आगे-पीछे दस बार चलाना और सीधे-उलटे घुमाना
  • घुटनों की कटोरियां की मांसपेशियों को खींचना और ढीला छोड़ना 100 बार।
  • अधिक दर्द न हो तो गद्दे पर 5 मिनट पद्मासन या वज्रासन।
  • पेट के बल लेटकर मकरासन की स्थिति बनाकर एक पैर का घुटना मोड़कर ऊपर हिस्से को गोल 10-10 बार सीधे-उलटे घुमाएं।
  • पीठ के बल लेटकर एक-एक पैर बिना घुटने से मोड़े 90 डिग्री पर उठाने का प्रयत्न करें पांच-पांच बार एक-एक पैर उठाएं।
  • यौगिक साइकिलिंग- पीठ के बल लेटकर एक-एक पैर को साइकिल जैसे चलाएं। अभ्यस्त हो जाने पर दोनों पैरों से लेटे-लेटे साइकिलिंग सीधे-उलटे 25 से 50 बार करें, उपरांत शवासन करें।
  • सवेरे भूखे पेट तीन चार अखरोट की गिरियां निकालकर कुछ दिन खाने मात्र से घुटन का दर्द समाप्त हो जाता है।