Wednesday, November 10, 2010

एलोवेरा क्या है

एलोवेरा 5,000 वर्ष पुरानी रामबाण औषधि है। इसका वनस्पति नाम धृतकुमारी ,ग्वारपाठा है। इसे  संजीवनी पौधा भी कहा जाता है। इसकी लगभग 250 उपजातियां हैं जिनमें से कुछ गिनी चुनी ही औषधीय गुणों से परिपूर्ण होती है। उन कुछ प्रजाततियों में से एक है जो सबसे ज्यादा प्रभावशाली है वह है बार्बाडेन्सीस मीलर। हमारे शरीर को 21अमीनोएसिड़ की जरूरत होतीहै जिनमेंसे 18अमीनोएसिड़ केवल एलोवेरा से ही मिलते है।
एलोवेरा जैल में वो औषधीय तत्व हैं जो खुद से शरीर में नहीं बनते बल्कि एलोवेरा से ही प्राप्त होते हैं जैसे– कुछ अनिवार्य खनिज, 8अनिवार्य अमीनोएसिड,जो शरीर में खुद से नहीं बनते न  ही शरीर में जमा होते हैं इस कारण इन तत्वों को निरंतर शरीर को जरूरत रहती है जिसे पूरी करना भी जरूरी है।
एलोवेरा में सेपोनिन नामक तत्व होता है जो शरीर की अंदरूनी सफाई करता है तथा रोगाणु रहित रखने का गुण रखता है।एलोवेरा दुनिया का सबसें बढिया एंटिबाइटिक ,एंटी,सेप्टिक है।
एलोवेरा का विशेष गुण-है कि शरीर के कोमल तत्वों को हानि नहीं पहुंचने देता  यदि हानि होती भी है तो उस नुकसान की भरपाई करने में मदद भी करता है।जिन तत्वों से बुढापा जल्दी आता है एलोवेरा ऐसे तत्वों को नष्ट करता है। एलोवेरा हमारे शरीर की छोटी बड़ी नस,ना़डियों की सफाई करता है उनमें नवीन शक्ति तथा स्फूर्ति भरता है। एलोवेरा जैल हर उम्र के लोग इस्तेमाल कर सकते है यह शरीर में जाकर जो भी सिस्टम खराब है वहां  काम करता है।इसका कोई साइड़ इफेक्ट भी नहीं होता इसे संजीवनी बूटी भी कहते हैं।
  • एंटीबायटिक – एलोवेरा अनेकों बैक्टीरिया जैसे सालमोनेला जो शरीर में कहीं मवाद बनाते हैं उनको नष्ट करता है एलोवेरा अति उत्तम बैक्टीरिया नाशक है प्रभावित अंगो पर सीधा भी लगा सकते हैं।
  • शक्तिवर्धक है- एलोवेरा के नियमित प्रयोग से मेटाबॉलिक प्रक्रिया को बल मिलता है।इसमें मौजूद विटामिन सी अनेक बीमारियों की रोकथाम करता है जैसे-ब्लडसर्कुलेशन,कार्डियोवस्कुलर।
  • पाचन क्रिया- एलोवेरा में मौजूद तत्व सेपोनिन आहार नलिका की सफाई करता हैतथा भूख बढाता है।
  • विषैले पदार्थ को शरीर से बाहर निकालता है(टॉक्सिन को)अनेक कारणों से हमारे शरीर में विषैले पदार्थ जमा हो जाते हैं जैसे वायु प्रदूषण,जल प्रदूषण,धूम्रपान, सब्जियों से या फिर दवाईयों से या फिर बाहर की चीजें खाने से भी होता है ऐसे विषैले पदार्थ को एलोवेरा शरीर से बाहर निकाल देता है जिससे पोषक द्रव्य रक्त में अधक मात्रा में शोषित हो पाता है जिससे रक्त शुद्ध होता है।
  • ह्रदय विकार- एलोवेरा ,रक्त से ट्रायग्लिसराइड्स तथा बुरे कॉलस्ट्रॉल LDL की मात्रा कम करके अच्छे कोलेस्ट्रॉल HDL की मात्रा बढाता है।ह्रदय की कार्यशक्ति को बढाता है।ह्रदय से शुद्धरक्त तेजी से पूरे शरीर में घूमता है। एलोवेरा में मौजूद होने वाले कैल्शियम ,मैग्नेशियम तथा पोटेशियम सभी धातुओं के कारण ह्रदय में स्नायु बलवान होते है।
  • जोडों का दर्द- एलोवेरा दर्द नाशक होने की वजह से घुटनों की सूजन को कम करता है एलोवेरा जैल से घुटनों पर मालिश भी कर सकते हैं।
  • मधुमेह-एलोवेरा पेनक्रियास के कार्य में मदद करती है।पेनक्रियास में इंसुलिन का निर्माण नियंत्रित करती है जिसकी वजह से मधुमेह के मरीजों के लिये एलोवेरा वरदान स्वरूप है। एलोवेरा किडनी तथा लिवर को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाता।मधुमेह से पीडित व्यक्ति के घाव तथा वेदना का शमन शीघ्र करने में मदद करता है।
  • यूरिनरी प्रॉब्लम(मूत्र नली में) किडनी स्टोन में एलोवेरा गुणकारी है।जिनके गुर्दे निष्क्रिय हो गये हैं उनके लिये आश्चर्यजनक रूप से लाभकारी है।लिवर इंफेक्शन को दूर करता है यह जॉंडिस में भी लाभदायक है।
  • अल्सर- एलो्वेरा पल्प पेट के अल्सर के लिये फायदे मंद है।पाचन क्रिया को आसान बनाता है।
  • प्रजनन प्रणाली- एलोवेरा को स्त्रियों की सहेली कहा गया है। एलोवेरा जैसी कोई प्राकृतिक औषधि दूसरी नहीं है।इससे स्त्रियो का गर्भाशय सही काम करता है पुरूषों में शुक्रधातु के दोष को दूर करता है। एलोवेरा गर्भावस्था में बिल्कुल इस्तेमाल न करें इससे पहले की अवस्था तक कर सकते हैं।
  • त्वचा की देखभाल- एलोवेरा हर तरह की त्वचा के लिये उत्तम है। एलोवेरा से त्वचा मुलायम तथा सतेज रहती है जलीकटी त्वचा के लिये अतिउत्तम हैयह क्षतिग्रस्त उत्तकों को नया जीवन देने में सहायक होता है।सिरायसिस,एक्जिमा में बहुत असरदार औषधि है। एलोवेरा आदमी तथा जानवर दोनों में एलर्जी खुजली के कीटाणुओँ को नष्ट करती है।
  • एलोवेरा का उपयोग मॉश्चराइजर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।इसी कारण आजकल एलोवेरा को अधिक तर कॉस्मेटिक में इस्तेमाल किया जा रहा है।इसमें पाया जाने वाला सेलुलोज तथा कार्बोहाइड्रेट त्वचा में गहराई तक जाकर बैक्टीरया तथा तैलीय डिपोजिट को हटाते हैं।त्वचा के रोमकूपों को खोलता है नई कोशिकाओं का निर्माण करता है तथा मृत कोशिकाओं को हटाता है।
  • बालों के लिये-यह बालों का झड़ना कम करता है।बाल के झड़ने का मुख्य कारण छोटी आंतों में विषैले तत्व का जमा हो जाना जिसे एलोवेरा बाहर निकल फेकने में मदद करता है। एलोवेरा जैल से रोज बालों की जड़ में मालिश करें इससे बाल लंम्बे होते हैं उनका रूखापन जाता है साथ डैंड्रफ निकाल कर बालों की चमक बढाता है।
  • नोट-गर्भावस्था में एलोवेरा का इस्तेमाल बिल्कुल न करें।
  • यदि किसी को दस्त हो रहे हों तो एलोवेरा का इस्तेमाल न करें
  • स्त्रियों के माहवारी के दिनों में  एलोवेरा का इस्तेमाल न करें
  • एलोवेरा का इस्तेमाल कितना करें एक बार में-बोतल का एक ढ़क्कन एक बार में लें सुबह खाली पेट इसके आगे पीछे एक घंटे तक कुछ न लें।धीरे-धीरे मात्रा बढाकर दो ढक्कन एक बार में कर दें पूरा लाभ होने पर उसी तरह धीरे धीरे वापस कम करते जायें फिर बंद कर दें।
  • सावधानी- एलोवेरा डब्बा या बोतल खोलने के बाद इसे फ्रिज में ही रखें खत्म होने तक।
  • पीनें से पहले अच्छी तरह हिलाएं
  • जार खोलने के बाद 30-40,दिनों तक खत्म हो जाना चाहिये।

1 comment:

संगीता पुरी said...

जानकारी का आभार !!