-गर्भनिरोधक- मासिक धर्म से शुद्ध होने पर (पांचवें दिन से) चमेली की एक कली (चमेली का फूल, जो खिला न हो) पानी के साथ रोज लगातार तीन दिन तक निगलने से एक वर्ष तक गर्भनिरोधक का काम करेगा।
-जब नींद न आये- पैर के नाखूनों पर तेल लगायें।
भांग पीस कर तलुवों पर लगायें, जल्द नींद आ जायेगी।
-तुलसी के एक मुट्ठी भर पत्ते तकिये के नीचे रख दें।
-नेत्रज्योति- रोज नहाने से पूर्व पांव के अंगूठों में सरसों का तेल मलें, नेत्रज्योति बुढ़ापे तक कमजोर नहीं होगी।
-मोतियाबिंद- रोज माथे पर असली चंदन घिस कर लगायें, मोतियाबिंद नहीं होगा।
-दीर्घायु- जिस दिन बच्चा पैदा हो, उस दिन से 10 दिन तक लगातार बच्चे को असली सोने के चावल का आठवां भाग घिस कर थोड़ा सा जल मिला कर चटायें।
-जब बाल अधिक झड़ते हों- तांबे की कटोरी में दही डाल कर उसमें तांबे के तीन-चार छोटे-छोटे टुकड़े डाल दें। 3-4 दिन बाद उन टुकड़ों से दही को घिसें, अब दही हरे रंग की हो जायेगी। इस दही को अच्छी तरह सिर पर मलें, आधे घंटे बाद बालों को रीठी शिकाकाई से धो लें।
-घर के चूहे भगायें- घर में एक चूहे को किसी तरह पकड़ कर नीले रंग में रंग दें। इससे होगा यह कि बाकी चूहे उसे देख कर घर से बाहर भाग जायेंगे।
-आंखें दुखना- यदि यह महसूस हो कि आंखों में दर्द होने वाला है या फिर दर्द आरंभ हो गया हो, तो ऐसी स्थिति में उसी समय उसी ओर के कान में रुई ठूंस लें। यदि दोनों आंखों में दर्द है, तो दोनों कानों में रुई ठूंस लें। 2-3 घंटे के लिए दर्द ठीक हो जायेगा।
-हर प्रकार की खांसी दूर करें- गुदा पर दिन भर में 3-4 बार तेल चुपड़ते रहें, खांसी दूर हो जायेगी।
-पसली में दर्द- हींग को गरम पानी में घोल कर दर्द वाली पसली पर लेप करें, पसली का दर्द ठीक होगा।
-दाद, खाज, सिर की गंज- पका हुआ केला (केले का गूदा) नींबू के रस में पीस कर मलहम की तरह प्रभावित जगह पर लेप करें। इससे दाद, खाज, गंज में लाभ होगा।
- खूनी बवासीर में भुने हुए चने गरम-गरम खाने से आराम मिलता है
-जब दस्त हो रही हो- तो लौकी का रायता खायें।
-पैर के तलवे में जलनहो रही हो तो लौकी को काट कर तलवे पर मलें।
- हल्के दस्त में काली चाय (बिना दूध) में नींबू निचोड़ कर पियें।
-हृदय रोगियों के लिए पेय-जामुन, आम, अर्जुन की छाल ले कर दरदरा
कूट लें रात को एक गिलास पानी में उसे भिगो दें ,सुबह इसे छान
कर एक चम्मच शहद के साथ मिला कर इसे पी जायें,
यदि साथ ही मधुमेह भी हो, तो शहद न डालें, बल्कि रात में उस गिलास
में मेथी के दाने भी भिगो दें। मेथी मधुमेह को नियंत्रित करता है।
-जुकाम के रोगी को हर चीज गर्म ही खानी चाहिये, जैसे, खाना, चाय,
कॉफी, सूप, दाल आदि। पीने का पानी गुनगुना होना चाहिये। अचार,चटनी, फ्रिज में रखी कोई चीज या ठंडी चीज न लें।
-जिन बच्चों का कद धीरे-धीरे बढ़ता हो (ज्यादातर 8-10 साल की उम्र के
बीच के बच्चों के लिए)- एक खजूर, चार काली किशमिश, एक कप साफ
पानी में रात को भिगोयें। सुबह दूध के साथ उन्हें खाने को दें या दूध में
डाल कर खाने को दें, नुस्खा कारगर है।
तोतलापन-इस समस्या से जूझने वाले बच्चों को कुछ समय तक रोज एक
हरा ताजा आंवला खिलायें। लाभ होगा।
-आम टॉनिक (शक्ति व स्फूर्तिदायक)आम के 11 ऐसे पत्ते, जो पेड़ पर लगे-
लगे ही पीले पड़ गये हों, उन्हें एक लीटर पानी में 4-5 इलायची डाल कर
तब तक पकायें, जब तक पानी आधा न रह जाये। फिर उसे उतार कर
इच्छानुसार दूध, चीनी डाल कर चाय की तरह पियें। ऐसा करने से कमजोरी
दूर होगी।
-कमजोर नजर के लिये पिसी बादाम, सौंफ और मिश्री, इन तीनों को सौ-सौ
ग्राम ले करएक साथ पीस लें फिर टाइट ढक्कन वाली शीशी में बंद कर रख
लें। रोज रात एक चम्मच भर कर दूध के साथ सेवन करें, इससे नेत्रदृष्टि
अच्छी हो जायेगी।
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