डेंगू बुखार एक प्रकार के ”डेन वायरस” की वजह से होता है । एक बार शरीर में वायरस के प्रवेश करने के बाद डेंगू बुखार के लक्षण सामान्यत: 5 से 6 दिन के पश्चात दिखाई देने लगते हैं । डेंगू बुखार का वायरस एड़ीज नामक मच्छर के काटने से रोगी व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में फैलता है वह मच्छर दिन के समय काटता है । मच्छर के शरीर में एक बार वायरस के पहुंचने के पश्चात यह पूरी जिन्दगी बीमारी फैलाने में समक्ष होता है
मादा मच्छर साफ पानी में अण्डे देती है, अण्डे से एक कीड़ा निकलता है, जिसे लार्वा कहते हैं, लार्वा से प्यूपा बनता है एवं फिर मच्छर बन जाता है । लार्वा व प्यूपा अवस्था तक पानी में रहते हैं और मच्छर पानी के बाहर रहता हैं । अण्डे से मच्छर बनने में करीब एक सप्ताह का समय लगता हैं । मच्छर का जीवनकाल करीब तीन सप्ताह का होता है । एड़ीज मच्छर काले रंग का होता है, जिस पर सफेद धब्बे बने होते हैं, यह काफी बड़ा मच्छर होता हैं
वैसे तो मच्छर एक छोटा सा जीव है परन्तु यह मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी गंभीर बीमारियां फैला सकता है । ये मच्छर आपके घर के अंदर और आस-पास जमा हुये पानी में पैदा होते हैं । मच्छरों के पैदा होने से रोकने के लिये अपने घर के अंदर और आस-पास कहीं पानी को जमा न होने दें । आस-पास के गङ्ढों को जहां पानी जमा हो सकता है भर दें । एयर कूलर, ड्रम, फूलदान,पौधों के गमलों, पक्षियों के नहाने के स्थान हर सप्ताह खाली करके सुखाएं । शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहने तथा सोते समय कीटनाशक उपचारित मच्छरदानी का उपयोग करें ।
प्रसार
डेंगू के वायरस, मच्छर के काटने से फैलता है। अगर किसी को डेंगू का बीमारी है, और कोई मच्छर उस मरीज से खून पीता है, तो मच्छर में डेंगू वायरस युक्त खून चला जाता है। फिर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को यह मच्छर काटता है, तो डेंगू का वायरस उसमें चला जाता है। मच्छर को “वेक्टर” (vector) कहते हैं। और इस प्रकार से फैलनेवाले बीमारी को “वेक्टर बोर्न डिसीज़” कहते हैं।
डेंगू सभी मच्छर से नहीं फैलता है। यह केवल कुछ जाति के मच्छर से फैलता है। एक प्रकार का मच्छर, जिसका नाम है, “एडिस एजिपटाई” (Aedes aegypti) इस बीमारी का संक्रमण कर सकता है डेंगू हर साल, दुनिया भर में करीब 10 करोड़ लोग डेंगू बीमारी से संक्रमित होते हैं।
डेंगू सभी मच्छर से नहीं फैलता है। यह केवल कुछ जाति के मच्छर से फैलता है। एक प्रकार का मच्छर, जिसका नाम है, “एडिस एजिपटाई ” (Aedes aegypti) इस बीमारी का संक्रमण कर सकता है
लक्षण
बुखार कपकपी के साथ ,सर दर्द,पसीना आना,
डेंगु के एक से अधिक लक्षण होते है
- बुखार
- सिरदर्द
- हड्डी और जोड़ में दर्द
- आखों में दर्द
- मिचली आना, उल्टी होना
- स्किन में चकत्ते होना या रैश होना
- खून बहना या खून के चकत्ते होना
- कोई भी बरतन में खुले में पानी न जमने दें। बतरन को खाली करके रखें या उलट कर रखें। अगर आप किसी बरतन, बाल्टी, ड्रम, इत्यादि में पानी जमा करके रखते हैं, तो उसे ढक कर रखें। अगर किसी चीज में पानी रखते हैं, तो उसे साबुन और पानी से धो लिया करें, कि उस में से मच्छर का अंडा को हटाया जा सके।
- किसी भी खुले जगह में, जैसे खड्डे में, गमला में, कचडा़ में पानी न जमने दें। हो सके तो उसे मिट्टी से भर कर रखें।
- नाली को बहता रहना चाहिये।
- खिड़की और दरवाजे में जाली लगा कर रखना चाहिये। दोपहर के बाद, खिड़की और दरवाजे को बंद रखें, कि मच्छर का आना-जाना कम हो।
- अपने मोहल्ले के लोगों को भी मच्छर को फैलने से रोकने के लिये प्रोतसाहित करें।
- बरसात के मौसम में और चौकसी बरतें।
- सफेद या हल्के रंगा का पूरे बांह वाले कपडे़ पहने, जिससे कि आप अपने शरीर को पूरे तरह से ढक सकें।
- जहां अधिक मच्छर है, वहां रात को मच्छरदानी का उपयोग करें। कभी-कभार मच्छर मारने वाले दवा उन जगहों पर मच्छर पर असर नहीं करता है।
- अपने नगर निगम द्वारा मच्छर मारने वाला दवा छिड़कायें।
- खूब सारा आराम करें
- अधिक पानी पियें
- बुखार के लिये “पेरासिटामोल” ( paracetamol) या “एसिटाअमिनोफेन” (acetaminophen) ले सकते हैं।
- बुखार के लिये “एसपिरीन” (aspirin) या उसके जैसे दवा न लें। यह आपको नुकसान पहुंचा सकती है
अगर आप डेंगू के मरीज़ है, तो आप को दो लक्ष्य होना चाहिये। पहला कि आप जल्द से जल्द स्वस्थ हो सकें और दूसरा कि आप दूसरों को यह बीमारी न फैलायें। अपने लिये डाक्टर द्वारा बताये गये इलाज का पालन करें। दूसरों को यह बीमारी न फैलाने के लिये आप कुछ बातों का ध्यान रख सकते हैं -
- मच्छर द्वारा काटने से बचने का हर उपाय करें
- हमेशा मच्छरदानी का प्रयोग करें
- मच्छर मारनेवाला दवा का प्रयोग करें
No comments:
Post a Comment