से पोषक तत्व लें जिसमें ऊर्जा अधिक न हो। भोजन करते समय तीन बातों का ध्यान रखें-
* ऐसा भोजन हो जिससे प्राप्त ऊर्जा शक्ति अधिक न हो।
* पर्याप्त पोषक तत्व हो।
* चिकनाई की मात्रा कम हो।
जैसे दूध से बने पदार्थ, आइस्क्रीम या कोल्ड ड्रिंक अधिक नहीं लेना चाहिये। जैसे शराब शरीर के लिये हानिकारक है इससे प्राप्त ऊर्जा हमारे किसी काम नहीं आती परंतु व्यायाम नियमित करें क्योंकि व्यायाम करने से ऊर्जा खर्च होती हैं। भूख खुलकर लगती है आप ऐसे फल खायें, जो पेट तो भर जाये पर ऊर्जा कम दें। फल और सब्जियों से ऊर्जा कम मिलती है लकिन विटामिन व खनिज अधिक मात्रा में मिलता
इस तरह लीजिए डाइट….
दिन की शुरुआत कभी भी कॉफी या चाय के साथ न करें। कैफीन वालीचीजें बीपी व हार्ट रेट बढ़ाती हैं। इससे शरीर में तनाव महसूस होता है ,जोकि पाचन तंत्र का सबसे बड़ा दुश्मन है। हम चाय या कॉफी पीकर नींदखुलने जैसा महसूस करते हैं , उसकी असली वजह हार्ट व ब्रिदिंग रेट काबढ़ना होता है। सुबह के वक्त बॉडी रिलैक्स होती है और हार्ट व ब्रिदिंग रेटसबसे कम होता है। इस रिलैक्स को बनाए रखने के लिए वास्तविक खाने कीजरूरत होती है। चाय कॉफी से पिछले कई घंटे से भूखे सेल्स को जीरोन्यूट्रिशन मिलता है। इससे भूख मरती है और आप लंबे वक्त कर बिना महसूसकिए भूखे रहते हैं। सूरज निकलने के साथ मेटाबॉलिज्म पीक पर होता है।ऐसे में इस वक्त सबसे ज्यादा खाने की जरूरत होती है। अगर आप कुछ ठोसनहीं खाना चाहते तो फल खा सकते हैं। इसके एक घंटे बाद फाइबर युक्तचीजें खाएं , जैसे रोटी - सब्जी , उपमा , इडली , पोहा आदि लेना चाहिए।एक बार सेल्स को न्यूट्रिशन मिल जाए तो आप चाय - कॉफी ले सकते हैं।
- हर दो घंटे में खाएं।
इससे आप मोटे नहीं होंगे , बल्कि खाने की मात्रा कमहोगी। ऐसे में एक वक्त में आप कम कैलरी लेंगे। ये कैलरी बेहतर तरीके सेइस्तेमाल होंगी और शरीर में जमा नहीं होंगी। थोड़े - थोड़े अंतराल पर खानेसे बॉडी को बेहतर महसूस होता है।
ज्यादा ऐक्टिव हों तो ज्यादा खाएं और कम एक्टिव हों तो कम।
अगर खुदको भूखे रखना सजा है तो ज्यादा खाना अपराध। बिना यह ध्यान दिए किहमारे पेट को क्या जरूरत है , हम खाते जाते हैं। हम मोटे इसलिए होते हैं ,क्योंकि हम सही वक्त पर खाने के बजाय गलत वक्त पर खाते हैं। उदाहरण केलिए लड्डू में काफी कैलरी होती है और अगर लड्डू खाने के साथ या रात मेंखाएं तो उन्हें कैलरी के रूप में शरीर में जमा होने से कोई नहीं रोक सकता।भरे पेट ( खाने के बाद ) और मेटाबॉलिक रेट कम होने के बाद ( सूर्यास्त केबाद ) शरीर पोषक न्यूट्रिएंट लेना बंद कर देता है। एक अच्छी औरतनावरहित नींद भी फैट कम करने में मदद करती है। सही तरीका यह है किरात में 6: 30 बजे तक पूरा खाना और 8: 30 बजे तक हल्का खाना खा लें।स्ट्रेस टाइम , बीमारी और ट्रैवल के वक्त ज्यादा कैलरी की जरूरत होती है।
अपने वजन को बढ़ने से रोकने की सबसे बेहतर उम्र होती है 18 से 25साल। इस दौरान वजन मेंटेन किया तो आगे आसानी से नहीं बढ़ता।
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