आर्थराइटिस क्या है-- शरीर के कुछ जोड़ जो काम करनाधीरे धीरे बंद करने लगते हैं यह लक्षण इतने धीरे धीरे सामने आते हैं कि मरीज को पता तक नहीं चलता इसके बारे में जब जोडों में सूजन या दर्द होने लगता है तब पता चलता है मरीज को।आर्थराइटिस का सबसे बड़ा कारण है व्यायाम का अभाव तथा आधुनिक कार्य शैली(लाइफ स्टाइल)की वजह से यह बीमारी सबसे ज्यादा युवाओं को अपनी चपेट में ले रही है।
दिनभर कंप्यूटर के सामने बैठ कर काम करना रात में टी.वी के सामने लेटकर टी वी देखना यानि बिना अपने पॉश्चर के बारे में सोचे समझे अपने शरीर के साथ खिलवाड करना ये सारी लापरवाही युवाओं को आर्थराइटिस की ओर धकेल रही है।
जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ.आर.के. शर्मा का कहना है कि आर्थराइटिस ठंड या बारिश में गंभीर रूप ले लेती है परंतु फिर भी कुछ बातों का ध्यान रखकर इन परेशानियों से निजात पाया जा सकता है।
ध्यान रखने योग्य बातें—
-हेल्दी डाइट ,नियमित व्यायाम
-आर्थराइटिस पीडित व्यक्तियों को सूर्योदय के बाद तथा सूर्यास्त से पहले सैर करना चाहिये
-सैर करते समय अपने कुत्ते को अवश्य साथ ले लें यदि संभव है तो इससे आपका व्यायाम तो होगा ही साथ आपका सारा ध्यान उसमें लगा रहने के कारण आपका मूड फ्रश रहेगा ही साथ उसे घुमाकर आप संतुष्टी महसूस करेंगें।
-ठंड या बरसात से अपने को बचाकर रखने के लिये बाहर निकलने से पहले मौसम के हिसाब से गरमाहट देने वाले कपडे पहने
-यदि टूर पर या कहीं बाहर घूमने जा रहे हों तो मौसम के हिसाब से कपडे तथा अपनी दवाईयाँ लेना न भूलें
-दूसरों का देखादेखी कोई काम न करें अपनी उम्र तथा प्रोब्लम का ध्यान अवश्य रखें,अत्याधिक ठंड में अधिक परिश्रम से बचें
-भोजन ऐसा करें जिसमें वसा तथा कैलरी की मात्रा कम हो यानि ताजे मौसमी फल तथा सब्जियाँ खायें
-कोई भी जिम ,एरोबिक ,डॉन्सिंग जॉइन करने से पहले किसी डॉक्टर से परामर्श अवश्य ले लें यदि आपको जरा भी जॉइंट प्रॉब्लम हो तो
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