फ्लैट के चक्कर में मुख्यमंत्री की कोठी गंवाने वाले अशोक चव्हाण की जगह महाराष्ट्र के मुंख्यमंत्री बने पृथ्वीराज चव्हाण को लेकर भी कुछ ऐसे ही आरोप सामने आ रहे हैं। एक आरटीआई कार्यकर्ता ने आरटीआई के तहत मिली जानकारी के आधार पर दावा किया है कि चव्हाण ने मुंबई के वडाला में करीब 40 लाख का फ्लैट कमजोर वर्ग के कोटे से केवल 4 लाख में हथिया लिया। उन्होंने राज्यसभा के लिए भरे नामांकन के दौरान दी की गई संपत्ति के विवरण में इस फ्लैट का उल्लेख तक नहीं किया है। चव्हाण को स्वच्छ छवि के कारण पार्टी हाईकमान ने मुख्यमंत्री पद सौंपा था।
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के हवाले से आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने बताया चव्हाण को भक्ति पार्क में 20 मई 2003 को 1032.7 स्क्वायर फीट का फ्लैट आवंटित किया गया। आवास के लिए जमा किए गए कागजातों में भी अनियमितताएं हैं।
2003 में कमजोर वर्ग की परिभाषा के अनुसार परिवार की सालाना आय 1.5 लाख रुपए होना चाहिए, लेकिन चव्हाण ने जमा किए आवेदन में मासिक आय 76,000 रुपए (याने 9,12,000 रुपए सालाना) बताई है। वे उस समय लोकसभा सांसद थे। उसी आवेदन में उनकी स्वर्गीय मां दाजीसाहिब चव्हाण के नाम पर जारी राशन कार्ड भी लगा है, जिसके अनुसार पूरे परिवार की सालाना आय 1 लाख है।
सरकारी एजेंसियों द्वारा बनाए गए आवासों में कमजोर वर्ग के लिए मुख्यमंत्री का 5 फीसदी कोटा होता है। इसी कोटे से चव्हाण को फ्लैट आवंटित किया गया। फ्लैट आवंटन तत्कालीन मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने किया था, जिन्होंने 2003 में ही आदर्श हाउसिंग सोसाइटी को भी मंजूरी दी थी। आदर्श हाउसिंग सोसाइटी के फ्लैट कारगिल में शहीद हुए जवानों और पूर्व सैनिकों को आवंटित किए जाना थे, लेकिन इन पर राजनीतिज्ञों, नौकरशाहों और सेना के अधिकारियों ने कब्जा कल लिया।
पृथ्वीराज चव्हाण ने 2009 में हुए राज्यसभा चुनावों के दौरान भरे शपथ पत्र में इस आवास का कोई जिक्र नहीं किया है। हालांकि उन्होंने अपनी दिल्ली की संपत्ति की कीमत 1.1 करोड़ बताई।
गलगली ने बताया कि उन्हें भक्ति पार्क में कमजोर वर्ग के कोटे से मिले फ्लैट के मालिकों का नाम हासिल करने में काफी दिक्कतें हुईं। शहरी विकास मंत्रालय ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगने के बाद भी लंबे समय तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। बाद में उन्होंने आरटीआई आयुक्त के सामने अपील की जिसके बाद उन्हें जानकारी मुहैया कराई गई। इस कोटे का गलत लाभ लेने वालों में नेताओं के अलावा पत्रकार, कलाकार भी शामिल हैं।
Source : http://www.bhaskar.com/article/NAT-prithviraj-chavhan-took-40-lakh-flat-for-just-4-lakhs-1541400.html
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