Saturday, November 13, 2010

दूषित जल से होने वाली बिमारियां

पीलिया –दूषित जल पीने  से यह रोग किसी को भी हो सकता है चाहे बच्चा हो या बड़ा।इस रोग में आंख,चेहरा,त्वचा,नाखून सब हल्दी की तरह पीला दिखने लगता है। दूषित जल पीना तो दूर की बात है नहाने से भी कई तरह की  बिमारियां जैसे पीलिया या त्वचा रोग हो सकता है।खुजली,दाद,आंखों की बीमारियां,हैजा इत्यादि।पीलिया के लक्षण पीलिया होने से पहले भूख खत्म होने लगती है,सर दर्द तथा कमजोरी महसूस होने लगती है।


पेचिश-दूषित जल पीने से या नहाने से पाचन शक्ति कमजोर होने लगती है पेट में ऐंठन होने लगती है जिससे दस्त लग जाते हैं फलस्वरूप डायरिया यानि दस्त का भयंकर रूप जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती हैऔर ग्लूकोज (सिलाइन) लगाने की जरूरत पड़ सकती है।


नेत्र रोग – दूषित जल पीने से या नहाने से भी आंखों की बीमारियां हो सकती हैजैसे आंख से पानी आना,आंख लाल हो जाना,सूजन आ जाना,आंखों में कीचड़ का आना जिससे आंख सुबह सो कर उठने पर चिपक जाती है।कभी-कभी कंजेक्टीबाइटिक जैसी आंख की बीमारी भी हो जाती है जो एक दूसरे से फैलती है


गले की बीमारी (गलगण्ड) इस रोग में गले के बाहर सूजन आ जाती है जो धीरे धीरे बढ़ती जाती है ।गले में गिल्टियां होने लगती है हाथ पैरों में भी सूजन आ जाती है

हाथी पांव –पैरों में इतनी सूजन आ जाती है कि पैर हाथी के पांव की तरह मोटे तथा भारी हो जाते हैं।

टाइफाइड़-यह रोग दूषित जल से होता है इस रोग में बुखार तेज रहता है तथा तीन तार दिन तक रहता है इस कारण इसे  पता लगाने में तीन चार दिन लग जाते है कि बुखार बुखार टाइफाइड़ का है या कोई अन्य फीवर है।
त्वचा रोग- दूषित जल पीने, नहाने या कपड़े धोने से भी त्वचा रोग हो सकता है।सामानयत:खुजली सूखी होती है।

दूषित जल को घर में ही शुद्ध कर सकते हैं
जब कोई और उपाय उपलब्ध न हो तो–
1.पानी को उबालकर पियें
2.पीने के पानी में फिटकरी का टुकडा घुमादे ,गंदगी नीचे बैठ जाएगी फिर मोटे कपडे से पानी को छान लें।
3.दूषित पानी में तुलसी के पत्तों को ड़ालकर रखें इसमें कीटाणु नष्ट करने की क्षमता होती है।

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