आंखो के लिये विटामिन्स कितना जरूरी है ?
हमारी आंखे स्वस्थ रहे इसके लिये सबसे पहले जरूरी है कि हम जाने उन विटा.को जो जरूरी है
विटामिन ए—उम्र की वजह से होने वाली परेशानियों को भी दूर करती है ।जो लोग धूम्रपान करते है ,किसी तरह का नशा करते है उन्हे वि ,ए, के सेवन पर अधिक जोर देना चाहिये
वि,ए ,के ,स्त्रोत –गाजर ,पपीता ,शकरकंद,कॉडलिवर आयल।
विटा ई,के ,स्त्रोत –अधिक उम्र से होने वाले वाले नुकसान से बचा जा सकता है जैसे कैटरैक्स।
वटामिन.ई के स्त्रोत—-ड्राईफ्रूट,आम,सनफ्लावर, सीड आयल।
विटा.सी-डायबिटीस से होने वाले रोग ,धूम्रपान से ,नशा से ,होने वाले नुकसान से व्यक्ति को बचाता है
स्त्रोत –आंवला,ब्रोकली,खट्टे फल।
हमारी आंखे स्वस्थ रहे इसके लिये रंगीन फलों एव,,,सब्जियां बहुत
जरूरी है ।इन विटामिन को किसीन ,किसी स्त्रोत से लेते रहने के बावजूद भी कुछ बातो पर ध्यान देना है
ध्यान देने योग्य बाते—
अपनी आंखो का चेकप कराते रहे ।
आंखो मे कोई दवा बिना डा़. परामर्श के न डालें
अपने भोजन में विटामिन ए.सी.भर पूर मात्रा मे लें
लेटकर टी.वी. न देखे,अंधेरे मे टी.वी. न देखे
सब्जियो को अधिक देर तक,तथा अधिक मसाले मे न पकाये
इससे पौष्टिकता नष्ट होती है
विटामिन ई के इस्तेमाल से मोतियाबिंद से बचाव –
उन लोगो में मोतियाबिंद का खतरा कम रहता है जो आहार में भरपूर मात्रा में विटामिन ई लेते हैं विटामिन ई जैसे ऐंटीऑक्सिडेंट्स आंखों के लेंस को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते है।फलों ,सब्जियों,खासकर पत्तेदार हरी सब्जियों के अधिक सेवन करने सेसुरक्षित रहती है। वो लोग इस बीमारी से अधिक बचे रहते हैं जो खानपान या सप्लमेंट के जरिये विटामिन ई हासिल करते हैं सभी प्रकार के खाने वाले तेलों में गिरीदार फलों तथा बीजों में विटामिन ई पाया जाता है।अगर खानपान को समय रहते ही सुधार लिया जाय तो तमाम परेशानियों से बच सकते हैं।
बढ़ती उम्र में मोतियाबिंद में भोजन का क्या महत्व है-
अधिकतर लोगों की यही जानकारी है कि मोतियाबिंद तो बुढ़ापे की बीमारी है इसे कोई नहीं रोक सकता। आंखों से धुंधला दिखना ये सब विकार पैदा हो ही जाते हैं। वृद्धावस्था में वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि ये सब आहार की गड़बड़ी यानी अनॉक्सीकारक खाद्य पदार्थों की कमी से होता है। जो विटामिन ई, सी और बीटाकेरोटिन है के स्त्रोतों अगर आप सही उम्र में सही खानपान का ध्यान रखेंगे, लगातार ऑक्सीकारक पदार्थों जैसे- विटामिन ई, सी बीटाकेरोटिन स्त्रोतों को शामिल करें। विटामिन, खनिज, कम वसा वाले भरपूर रेशेवाले खाद्य पदार्थों को अपने भोजन में शामिल कर दीर्घजीवी व आजीवन स्वस्थ रह सकते हैं। इस तरह के भोजन, व्यायाम से हम बुढ़ापे में भी युवावस्था जैसा स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं। अच्छा स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है।
लेपकर पढ़ना या टेलीविजन देखने से सर दर्द और आंखों का मिचमिचाना आरंभ हो जाता है। टीवी 10 फीट दूर से देखना चाहिये। इनकी रक्षा के लिये हमेशा तत्पर रहना जरूरी है। रात देर तक जागने से, धुंआ, धूप से आंख को रोकना होगा। माथे पर सरसों का तेल लगाना, बासी पदार्थों का सेवन, देर से पचने वाली वस्तुओं का सेवन, धूम्रपान नशीली वस्तुओं का सेवन वर्जित है।
आंखों में कचरा या मच्छर घुसते ही सीधे खड़े हो जाये और दोनों आंखें बद कर पीछे की तरफ सिर्फ तीन कदम हटें फिर रूक जाये। जिस आंख में कुछ न घुसा हो उसे हथेली से हल्का-हल्का हाथ से मसलें और आंखें खोल दें। कचरा या मच्छर बाहर निकल जायेगा।
ख्याल रखें जिस आंख में कुछ घुसा हो उसे न मसलें।
विटामिन ए की कमी से आंखों के रोग होते हैं।
विटामिन ए की कमी से हजारों बच्चे, बड़े अंधे हो जाते हैं। विटामिन की कमी न रहे इसलिये गर्भवती महिला को चाहिये विटामिन ए अधिक लें। बच्चों को प्रारंभिक 6 माह तक मां का दूध अवश्य दिया जाये।
- आई फ्लू होने पर चश्मे का प्रयोग करें
-किसी व्यक्ति से हाथ नहीं मिलाना चाहिए।
-आंखों को हाथ से नहीं रगड़ना चाहिए।
-यदि बच्चों के आंख में हो गया हो तो उसे स्कूल नहीं भेजना चाहिए।
-आंखों को तीन-चार बार गुनगुने पानी से धोना चाहिए।
-तीन-चार दिन रोगी को आराम करना चाहिए।
-किसी दूसरे को तौलिया, रुमाल इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
-गर्भावस्था के दौरान होने वाली आंखों की परेशानियों से सावधान रहें।
कोई जरूरी नहीं कि हर महिला की आंखों में परेशानी हो। पर जिसकी आंख में पहले से कमजोरी हो वह और कमजोर हो जाती है। उन्हें टेस्ट करवाते रहना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान किसी तरह से आंखों का कोई आपरेशन नहीं करवाना चाहिए।
-हरी छोटी इलायची10ग्रा.,सौफ10ग्रा,मिक्ष्री 20ग्रा. सबको मिलाकर पीस ले सुबह शाम दूध के साथ ले नेत्र ज्योति बढतीहै।
-पैरों के तलवे मे सरसों का तेल की मालिश करे,,स्नान ,से पूर्व पैरो के अंगूठे को तेल से तर करे इससे आंख के रोग नहीं होते ।
-यात्रा के दौरान पढना नही चाहिये
-प्रात हरी घांस पर नंगे पांव सैर करें
अधिक धूम्रपान आंखों को नुकसान पहुचाती है
बच्चों को नुकीली चीजे खेलने को न दें(तीर,धनुष, पेंन्सिल)
आंखो के लिये विटामिन सी कितना जरूरी है
हमारी आंखे स्वस्थ रहे इसके लिये सबसे पहले जरूरी है कि हम जाने उन विटा.को जो जरूरी है
विटामिन ए—उम्र की वजह से होने वाली परेशानियों को भी दूर करती है ।जो लोग धूम्रपान करते है ,किसी तरह का नशा करते है उन्हे वि ,ए, के सेवन पर अधिक जोर देना चाहिये
वि,ए ,के ,स्त्रोत –गाजर ,पपीता ,शकरकंद,काँडलिवर आयल।
विटा ई,के ,स्त्रोत –अधिक उम्र से होने वाले वाले नुकसान से बचा जा सकता है जैसे कैटरैक्स।
वि.ई के स्त्रोत—-ड्राईफ्रूट,आम,सनफ्लावर सीड आयल।
विटा.सी,डायबिटीस,से होने वाले रोग ,धूम्रपान से ,नशा से ,होने वाले नुकसान से व्यक्ति को बचाता है
स्त्रोत –आंवला,ब्रोकली,खट्टे फल।
हमारी आंखे स्वस्थ रहे इसके लिये रंगीन फलों एव,,,सब्जियां बहुत
जरूरी है ।इन विटा,को किसीन ,किसी स्त्रोत से लेते रहने के बावजूद भी कुछ बातो पर ध्यान देना है
ध्यान देने योग्य बाते—
1अपनी आंखो का चेकप कराते रहे ।
2आंखो मे कोई दवा बिना डा परामर्श के न डाले
3अपने भोजन मे वि ए.सी.भर पूर मात्रा मे लें
4लेटकर टी.वी. न देखे,अंधेरे मे टी.वी. न देखे
सब्जियो को अधिक देर तक,तथा अधिक मसाले मे न पकाये
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