भार नियंत्रित रखना का ये मतलब नहीं है कि आप खाना पीना छोड़कर बैठ जायें जब तक चक्कर न आने लगे या अल्पाहार से शरीर को एकदम कम न कर लें। इसलिये ऐसे आहार भी न लें कि आप कुपोषण के शिकार हो जायें। पोषक तत्वों वाला आहार लेते रहें।
कभी-कभी बुढ़ापे में भी वसा के जमाव काम आते हैं तब जब आपका वजन उम्र होने के बाद भी कम, वो भी जरूरत से कम हो, तो थोड़ा सा वसा जमाव पड़ गया तो यही वसा से ही आपको ऊर्जा (Energy) मिल सकती है। तो थोड़ा बहुत वजन बढ़ जाने से कोई हानि नहीं है। अधिक उम्र में कभी-कभी खुलकर भूख नहीं लगती, आप ठीक से खाना नहीं खा पाते, उस समय यही वसा आपको दैनिक कार्य के लिये ऊर्जा देगी। आपका शरीर चाहे जितना अनियंत्रित हो नियंत्रित व्यायाम से चुस्त-दुरूस्त रहेगा। व्यायाम से ऊर्जा की खपत होती है। वसा पिघलने से मांस दब जाती है, वो उचित आहार (अधिक फाइबर) से फिर से आपका शरीरभर जायेगा।
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