Thursday, November 11, 2010

मोतियाबिंद

मोतियाबिंद एक आम समस्या बनता जा रहा है, अब तो युवा भी इस रोग की चपेट में आने  लगे हैं। अगर इस रोग का समय रहते इलाज न किया जाए तो रोगी अंधेपन का शिकारभी  हो सकता है।
कारण : मोतियाबिंद रोग कई कारणों से होता है। आंखों में लंबे समय तक सूजन बने रहना, जन्मजात सूजन होना, आंख की संरचना में कोई कमी होना, आंख में चोट लग जाना, चोट लगने पर लंबे समय तक घाव बना रहना,  दूर की चीजें धूमिल नजर आना ,  कोई गम्भीर दृष्टि दोष होना, लंबे समय तक तेज रोशनी या तेज गर्मी में कार्य करना, डायबिटीज होना, गठिया होना, धमनी रोग होना, गुर्दे में जलन का होना, अत्याधिक दवाओं का सेवन, खूनी बवासीर का होना महिलाओं मेंमाहवारी स्राव अचानक बंद हो जाना आदि समस्याएँ मोतियाति‍बिंद को जन्म दे सकती हैं।



अधिकतर लोगों को लगता है कि मोतियाबिंद बुढ़ापे की बीमारी है। बुढ़ापे में तो आंखों से धुंधला दिखना जैसे विकार पैदा हो ही जाते हैं, लेकिन वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि ये सब आहार की गड़बड़ी यानी अनॉक्सीकारक खाद्य पदार्थों की कमी से होता है। विटामिन ई, सी और केरोटिन है इन स्त्रोतों से हमें प्राप्त होते हैं। आप सही उम्र में सही खान-पान का ध्यान रखें। विटामिन, खनिज, कम वसा वाले भरपूर रेशेवाले खाद्य पदार्थों को अपने भोजन में शामिल करेंआप दीर्घजीवी व आजीवन स्वस्थ रह सकते हैं। इस तरह के भोजन, व्यायाम से हम बुढ़ापे में भी युवावस्था जैसा स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं।

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