क्या है ब्लड प्रेशर— हमारे दिल से पूरे शरीर को खून की सप्लाई धमनियों के जरिये बराबर होती रहती है ब्लड को प्रेशर से पूरे शरीर पहुँचाने के लिये हमारा दिल बराबर सिकुडता तथा फैलता रहता है जो एक मिनट में 60से 70 बार होता है।जब दिल सिकुडता है तब खून अधिक प्रेशर के साथ धमनियों में जाता है दिल सिकुडनें के बाद वापस नार्मल स्थिति में तो आता है परंतु खून का दबाव न्यूनतंम रहता है इन दोनों यानि अधिकतम तथा न्यूनतम दोनों मापों को ब्लड प्रेशर कहते हैं ब्लड प्रेशर सारा दिन एक जैसा नहीं रहता अक्सर सो कर उठने पर यह कम रहता है जबहम कुछ भी मेहनत वाला काम करते है तब यह बढ जाता है।
बीपी मात्र एक बार माप लेने से ही इस आधार पर नहीं पहुँचना चाहिये कि बीपी हाई है अथवा लो।इसके अलग अलग कारण हो सकते हैं। बीपी चेक कराने से पहले शारीरिक परिश्रम न करें,सामान्य स्थिति में खाली पेट बीपी चेक करवायें।डॉक्टर के पास पहुंचकर दस पांच मिनट रूक कर ही बीपी चेक करायें।लो बी पी -–सामान्य बी पी 130/85 होना चाहिये थोडा उपर नीचे होना कोई बडी बात नहीं।
लो बीपी के लक्षण—चक्कर आना जल्द थकान महसूस करना त्वचा पर ठंडापन महसूस करना छोटी छोटी सांसे लेना प्यास अधिक लगना इत्यादि।
कारण—-खून की कमी के कारण,उल्टियाँ ,मलेरिया ,डेंगू या फिर किसी इन्फेकशन के कारण,लूस मोशन,किसी दवा का रिएक्शन होने पर ,किसी दुर्घटना होने पर अधिक खून बह जाने पर ,अचानक सदमा लगने पर ,कोई भयानक द्दश्य देखने या समाचार सुनने से ,बी पी लो हो सकता है ।
सावधानी
दिल के मरीज या बुजुर्ग हों यदि इनका बीपी अधिक लो हो जाये तो तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जायें कारण इसका असर किडनी,दिमाग दिल,पर पड सकता है।हर्ट से संबंधित दवाईयां अधिक खाने से भी बी पी लो हो सकता है।यौन शक्ति बढाने वाली दवाईयों का सेवन न करें।
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