Tuesday, November 9, 2010

सब्जियाँ खाओ, कैंसर भगाओ

हमें इन सब्जियों को एक-एक कर के रोज अपने भोजन में अवश्य इस्तेमाल करना चाहिए। जैसे- पालक, शिमला मिर्च, छोटी हरी मिर्च, पत्ता गोभी, हरी मटर, हरी मूँग, स्प्राउडड, मशरूम, ब्रोकली (हरी फूल गोभी)।

पत्ता गोभी- पत्ता गोभी जितनी ज्यादा हरी होती है, वह उतनी ही पोषक तत्वों से भरपूर होती है। सफेद पत्ता गोभी नहीं खायें। हरी पत्ता गोभी में विटामिन ई अधिक मात्रा में होता है। इसके अंदर का पीला हिस्सा विटामिन ए की पूर्ति करता है। छोटी पत्ता गोभी में बड़ी पत्ता गोभी से कहीं ज्यादा कैल्शियम होता है। इसमें पाये जाने वाला कोलोन कैंसर को रोकने में मदद करता है।

हरी मिर्च
- हरी मिर्च शिमला हो या पतली वाली, विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है। इसे सलाद, सब्जियों के तौर पर खायें। स्वाद एवं पौष्टिकता दोनों मिलेगी। ये कोशिकाओं की रक्षा करती हैं। हरी मिर्च के मुकाबले लाल मिर्च में विटामिन सी अधिक होता है। वायरल फीवर में अक्सर थ्रोट इन्फेक्शन हो जाता है। आप लाल मिर्च की चटनी खाते हैं, तो गले की खराश और गले का  इन्फेक्शन ठीक हो जाता है।


मशरूम (जलकुंभी)- ये बेहद पौष्टिक सब्जी है। इसका इस्तेमाल सलाद सजाने के बहाने या सब्जी भी बना कर खा सकते हैं। इसका सूप पियें। कैल्शियम एवं आयरन भरपूर मात्रा में प्राप्त होता है।

ब्रोकली- ये हरी फूल गोभी कहलाती है। ये विदेशी सब्जी कहलाती है। यह गहरे हरे रंग की होती है। इसमें कैंसर विरोधी तत्व होते हैं। कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसमें हरे रंग के गुच्छे ज्यादा पौष्टिक होते हैं। विटामिन बी अधिक पाया जाता है, उबली ब्रोकली खायें, यानी सलाद, सूप के रूप में।

पालक- पालक एक सर्वसुलभ हरी सब्जी है। जिसे आप चाहें, तो बाजार से खरीदें, चाहें तो घर पर उगा सकती हैं। ज्यादा झंझट की जरूरत नहीं है। गमले में भी उगा सकती हैं तथा हर रोज एक गमले का पालक काट कर दाल, सब्जी, स्प्राउड में डाल कर जूस निकाल कर पी सकते हैं।

पालक की महिमा- विटामिनों का भंडार। गुणों से भरपूर। बुजुर्गों की ढलती उम्र में आँख की बीमारी के लिए कारगर है। पालक रक्त को शुद्ध करता है। इसका मतलब आपके शरीर के भीतर की सर्विसिंग करता है। पालक खाने वाले को रोग ही नहीं होता। यदि होता भी है, तो उसे मार भगाता है। यह इंसान तो क्या जानवरों के लिए भी उपयोगी है। गाय, भैंस इन्हें खा कर अधिक व शुद्ध दूध देती हैं। अंदर की बीमारियों को दूर करता है। पालक का थोड़ा-थोड़ा जूस हर रोज पी सकते हैं। पालक पालन करता है। पालक में रोग निवारक, पोषण दायक गुण हैं।

पालक रक्तल्पता को दूर करता है। पायरिया को मिटाता है। इसमें क्लोरोफिल होता है, जो शरीर की हर असाध्य रोगों एवं समस्याओं को दूर रखने या करने की क्षमता रखता है।

हरी मटर- मटर ताजी हो या फ्रोजन, दोनों में विटामिन सी एवं विटामिन बी-1 काफी मात्रा में पाया जाता है। मटर दाल में आती है। इस कारण अधिक घुलनशील, फाइबर का बढ़िया स्रोत है। कोलेस्ट्रॉल को रेगुलेट करने में सहायक है। किसी भी महँगे फल या सब्जियों के पीछे न भागें


कारण सब्जियाँ खनिज तत्वों से भरपूर होती हैं और मौसम का हर तरह से सामना करने की क्षमता रखती है। कारण सब्जियाँ मौसम के मुताबिक शरीर में ठंडक व गरमाहट का असर बराबर बनाये रखती है। डाइटीशियनों के मुताबिक हमें रोजविटामिन व खनिज जैसे तत्वों की जरूरत होती है, जिसका सबसे आसान तरीका है सलाद तथा सब्जियाँ। जिसमें सलादकेपत्ते,मूली, खीरा, टमाटर, प्याज, बीन्स (सभी बीन्स)।

मूली- मूली पीलिया तथा कमजोर लीवर के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इसमें विटामिन सी, सोडियम, कैल्शियम होता है।

खीरा- यह क्षारीय एवं खनिज तत्वों से भरपूर होता है, जो ब्लडप्रेशर से संबंधित लोगों के ब्लडप्रेशर कम करने में मदद करता है। पेशाब खूब आता है, जो अल्सर के इलाज में प्रभावी होता है।

सभी प्रकार के बीन्स- सभी प्रकार के हरे बीन्स में कॉपर, जिंक, सोडियम, मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जो हमारे शरीर के लिए जरूरी होते हैं। सभी बीन्स फाइबर से भरपूर होते हैं। ये कोलेस्ट्राल को कम करती है।

प्याज- यह हमारे सब्जियों में से एक मुख्य सब्जी है। यह खून में से विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है।

शिमला मिर्च- शिमला मिर्च लाल, हरी, पीली होती है, जो विटामिन सी से भरपूर होती है। इसे पकाने से ज्यादा कच्ची या हाफ ब्वायल्ड (भाप लगी) खायें। सलाद बेहतर तरीका है इसे लेने का।

करेला- करेले का जूस ब्लड शुगर सामान्य रखता है। शरीर के विषैले तत्वों को बाहर निकालता है। करेले में कॉपर, आयरन और पोटैशियम होता है। इसे लेने का सबसे अच्छा तरीका करेले का जूस सुबह खाली पेट चाय का बड़ा चम्मच चाहें, तो थोड़े से पत्ती में डाल कर (मिला कर) लें।

मशरूम- मशरूम उन लोगों के लिए उपयोगी है, जिनके लिपिड तथा कोलेस्ट्रॉल में असंतुलन होता है।
भिंडी- विश्व की पसंदीदा सब्जी है। इसमें जिलेटिन की वजह से एसिडिटी, अपच जैसी परेशानियों में लाभकारी सिद्ध होती है। यह पेशाब की हर तरह की परेशानी दूर करती है।
हरी मटर- मटर एक अच्छी सब्जी है। परंतु अधिक मात्रा में नहीं खानी चाहिए। कारण अपच हो सकता है। परंतु उचित मात्रा में खाने से महिलाओं के लिए फायदेमंद है, क्योंकि ओवरी के कैंसर से बचाता है। मटर को अनाज व दालों के साथ मिला कर खायें, तो ज्यादा फायदेमंद होगी।

फाइबर (यानी रेशेदार खान-पान), जो बचाये कैंसर से
हमारे भोजन में सबसे अहम स्थान कार्बोहाइड्रेट्स का है, जो सेहत के लिए सबसे जरूरी है। इस कार्बोहाइड्रेट्स को और हेल्दी बनाने के लिए किस तत्व की अधिक जरूरत होती है, वह है रेशा यानी फाइबर। छिलका युक्त अनाज, फलियाँ, सब्जियाँ, फल आदि फाइबर से भरपूर होते हैं।
वनस्पति से प्राप्त खानपान की वस्तुओं में घुलनशील तथा अघुलनशील दोनों प्रकार के फाइबर पाये जाते हैं।

घुलनशील फाइबर- जैसे ओट, जौ, बीन्स, मटर, मसूर, कुछ फल, सेब, जामुन, नींबू, सब्जियों में भिंडी।
अघुलनशील फाइबर- गेहूँ का चोकर, सूखे मेवे, गिरीदार फल
सब्जियाँ, गोभी, बीन्स
हमारी आँतों में मौजूद बैक्टीरिया, आँतों के भीतर के फाइबर का फर्मेंटेशन कर देते हैं, ताकि वह पचने योग्य बन जाये। जैसे मेथी के दानेइसमें अहम रोल निभाती है
कुल मिला कर फाइबर कैंसर रोकने में मदद करता है तथा साथ ही हृदय रोग, डायबिटीज से बचाता है। यह आपको एकदम फिट भी रखता है। आपका पेट साफ रखने में मदद करता है व वजन कंट्रोल रखता है।
फाइबर कहाँ से मिले
चोकर सहित आटा, अन्य अनाज का आटा, ब्रेड। अंकुरित अनाज, ओट, नट्स, कटी अलसी।
बिना नमक पॉपकॉर्न लें।
सब्जियों के जरिये बीन्स अधिक लें। सलाद, सब्जी, सूप, चावल, इन सबमें बीन्स डालें।
दही में फल मिला कर खायें।
फलों का रस न पी कर उन्हें छिलके सहित खायें।
नाश्ते में ड्राईफ्रूट लें। सूखा आलूबुखारा लें। कारण इसमें फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है।
रिफाइंड अनाज के बजाय साबुत अनाज अधिक लें।
फाइबर सप्लिमेंट लेने के बजाय खानपान के जरिये प्राप्त करें।
कुछ सप्लिमेंट बाजार में उपलब्ध हैं, जिनका उपयोग डॉक्टर के नुस्खे में अधिक होता है। सो जब आप लें, तो डॉक्टर का परामर्श अवश्य लें।
फाइबर कई बीमारियों से दूर रखता है तथा कई रोगों में फायदेमंद है।

डायबिटीज- अध्ययनों से पता चलता है कि फाइबर युक्त भोजन डायबिटीज के खतरे को कम करता है। डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्ति यदि रोज फाइबर युक्त आहार ले, तो उन्हें इंसुलिन या अन्य दवाओं की जरूरत नहीं पड़ती।

वजन को कंट्रोल में रखे फाइबर – फाइबर वजन को घटाने में मदद करता है। फाइबर वाले खान-पान में कैलोरी कम होती है। साथ ही इसे खाने से पेट भी जल्दी भर जाता है। इसलिए आप कम खाते हैं। जिससे वजन कम बढ़ता है। फाइबर इंसुलिन के रिसाव में कमी ला सकता है। इसका असर पाचन तंत्र पर पड़ सकता है और इसका असर बॉडी वेट पर पड़ता है।

पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करता है - फाइबर मल की मात्रा को बढ़ाता है, कब्जियत से बचाता है, फाइबर लेने वालों को मल त्याग में जोर नहीं लगाना पड़ता। लिहाजा उन्हें कब्जियत का शिकार नहीं होना पड़ता

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