- मधुमेह से ग्रस्त स्त्रियां जो गर्भधारण करना चाहती हैं
- मधुमेह से ग्रस्त स्त्रियां जो गर्भवती हैं
- स्त्रियां जिन्हें गर्भावस्था(pregnancy) में मधुमेह हो जाता है
- मधुमेह तब होता है जब शरीर में इंशुलिन नहीं बन पाता या शरीर इंशुलिन का उपयोग नहीं कर पाता क्योंकि इंशुलिन ऐसा हार्मोन है जो रक्त की शर्करा को कम करता है।
आहार तथा विहार की योजना कैसी हो (pregnancy) में
- आहार ऐसा होना चाहिये जिससे कैलरी ठीक मात्रा में मिलती रहे जो वजन सही रखने में मदद करें जिससे गर्भधारण(pregnancy) के सही परिणाम प्राप्त हों।
- भोजन को चबा चबाकर करें वरना उदर स्थित अंगो को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ सकती हैयही अनियमितता मधुमेह का कारण बन सकती है भोज्य पदार्थ को बिना चबाए न निगलें।
- इसके लिये बिना पकी सब्जियां(सलाद) अंकुरित अनाज,का अधिक सेवन करें।
- चपाती ब्रेड,आलू,दलिया, जैसे कार्बोहाईड्रेट युक्त आहार लें।मौसमी फलों तथा सब्जियों(सलाद) का सेवन अवश्य करें ।उपवास से बचें।
- अधिक चिकनाईयुक्त भोजन से बचें।भुना आहार लें। गुड,चीनी,शहद केक,चाकलेट के अधिक सेवन से बचें|
- बाहर के खाने से बचें।
- मधुमेह के उपचार में शामिल है सही खानपान,रेगुलर व्यायाम ,खाने वाली दवाईयां (डाक्टरी जांच)इसुलिन इंजेक्शन।इस प्रकार की सही देखभालऔर उपचार से मधुमेह को नियमत्रित रखा जा सकता है। कारण इसका कोई स्थाई उपचार नहीं है।इसका उपचार आपकी सही हालत ,उम्र,वजन तथा अन्य समस्याओं पर भी नर्भर करता है।
- व्यायाम से ब्लडप्रेशर तथा वजन नियंत्रित रहता है।
- व्यायाम शुरू करने से पहले डॉक्टरी सलाह लें।इसुलिन लेने के तुरंत बाद व्यायाम न करें.
- इस बीमरी से बचने के लिये मोटापा कम करें।
- हर भोजन के बाद पैदल चलें चाहे घर ही में क्यों न हो ,इससे रक्त में भोजन के बाद बनने वाली शर्करा के स्तर में सुधार होगा ।
- धूम्रपान ,तथा शराब से दूर रहें।
- शुगर लेवल बराबर चेक कराते रहें।
- दवाईयां आप वैसे ही लेते रहें जैसे चल रही है।
- व्यायाम में टहलना,योग ,(सूर्य नमस्कार) करें अति लाभदायक होगा, खाली पेट व्यायाम न करें। (हल्का नाश्ता)
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