लोग अपना सुख-चैन भूल कर त्याग कर इस कदर पैसे और सुख-सुविधा के साधन जुटाने में लगे हैं। इस कारण उन्हें लगातार तनाव का शिकार होना पड़ रहा है। ऐसा सुख-साधन का क्या फायदा कि आपको उसका सुख उठाने को एक पल की भी न तो फुरसत है, न ही कोई आनंद। जिस तरह लोग दिन के 18-18 घंटे बाहर काम करते हैं, उसका सीधा असर उनके शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। लगातार तनाव में समय बीत रहा है। इसी तनाव की वजह से इंसान अपनी जरूरी बातें भूल जाता है। जिससे भी उसे एक और तनाव बढ़ जाता है। कारण भूल जाने से कोई नुकसान भी हो सकता है, तो जाहिर है कि इतना तनाव भी पड़ेगा, चाहे वे छात्र हों या ऑफिस में काम करने वाले। छात्र भी एक साल की पढ़ाई एक महीने में पूरी करने की कोशिश करते हैं। साल भर ध्यान या समय नहीं देते। इस कारण उन्हें थकान, तनाव बढ़ जाता है और जो कुछ भी जल्दी-जल्दी में पढ़ते हैं, ऐन वक्त पर सब कुछ भूल से जाते हैं, जिससे उनका तनाव बढ़ जाता है।
तनाव दूर करने के लिए योगा करें, व्यायाम करें। कुछ खेलने का शौक हो, तो खेलें-कूदें, सुबह सैर करें। अच्छी किताबें पढ़ें, मनपसंद काम करें।
घर में बच्चे हैं, तो उनके साथ खेलें, उनसे बात करें।
यदि घर में कोई जानवर पाला हो, तो थोड़ा समय उनके साथ बितायें।
घर में पेड़-पौधों की देखभाल में थोड़ा समय लगायें।
इससे दिमाग को ताजगी मिलेगी। खानपान पर विशेष ध्यान दें। सुबह नाश्ता अवश्य करें। रोटी-पराठे की जगह अंकुरित अनाज, ड्राई फ्रूट अवश्य लें।
-प्रतिदिन थोडी मात्रा में अखरोट का सेवन करें।
-शहद को हर रोज किसी न किसी रूप में लेने से याददाश्त अच्छी रहती है।
- संभव हो तो पीपल के पेड़ के 5 पके फल रोज खायें याददाश्त बढ़ती है।
-पका कद्दू हफ्ते में एक बार अवश्य खायें याददाश्त बढ़ाने का आजमाया उपाय है।
-खाना खाने से कुछ देर पहले एक मीठा सेब छिलका सहित खाने से याददाश्त में वृद्धि होती है।
-चुकंदर का रस दिन में दो बार एक कप की मात्रा में लेने से याददाश्त बढ़ती है।
-गेंहू के जवारे का रस रोज पीने से सभी मानसिक रोगों में फायदा मिलता है और याददाश्त तेज होती है।
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