Wednesday, November 10, 2010

गर्भावस्था में क्या उचित है जानें-(awarness during pregnancy)

आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान महिला  सारे घरेलू काम तो करती  हैं, लेकिन उनकी नियमित हल्का फुल्का व्यायाम करने पर ध्यान नहीं दिया जाता। गर्भावस्था में स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि हल्का फुल्का व्यायाम करें न कि घरेलू कामकाज को ही व्यायाम मान लें।
व्यायाम(एक्सरसाइस) क्यों करें–
  • हल्की फु्ल्की कसरत करने से  कब्ज नहीं होगा।  पीठ दर्द नहीं होगा। थकान नहीं होगी।
  • बाथटब में भी बैठ कर कसरत कर सकती हैं।बाथटब में बैठकर हाथ पैर को थोडा बहुत फैलाएं थोडी देर आराम से पानी में बैठें, दरअसल पानी में कसरत करना शरीर के लिए फायदेमंद होता है। जलक्रीड़ा करने वाली होता। पानी में शरीर  भार महसूस नहीं होता। महिला पानी में ज्यादा आरामदायक स्थिति में रह सकती है। टब के पानी  का तापमान मौसम के हिसाब से होना चाहिये।  पानी से भी त्वचा की साफ-सफाई भी होती है। पानी शरीर के भीतर के अवशोषकों को बाहर निकालने में काफी सहायक सिद्ध होता है। इसलिए त्वचा की साफ-सफाई हेतु नियमित 8 से 10 गिलास पानी रोज पिएँ भी  इससे कब्ज से छुटकारा मिलता है।


व्यायाम(एक्सरसाइस) करने से–
  • पीठ दर्द नहीं होगा।
  • कब्ज नहीं होगी।
  • रक्तसंचार की समस्या नहीं रहेगी।
  • एक्सरसाइस साइकलिंग  बहुत बढ़िया कसरत है। जैसे-जैसे आप गर्भकाल में फैलती जाती हैं वैसे-वैसे आप अपने शरीर के मुताबिक साइकल चलाना,  स्ट्रेचिंग करना ,सैर करना आपके लिए फायदेमंद होगा। यह ध्यान रखें कि आप यह कसरत एक्सरसाइज बाइसिकल पर ही करें। सड़क पर साइकल चलाने में जोखिम यह है कि आप दुर्घटना की शिकार भी हो सकती हैं। यदि आप गर्भावस्था से पहले ही कसरत करती आ रही हैं तो ट्रेनर से आगे की कसरतों के लिए सलाह ले सकती हैं
  • कई महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान शरीर, टाँगों में दर्द की शिकायत रहती है, जिसकी वजह से उन्हें नींद में काफी व्यवधान होता है। ऐसी स्थिति में सोने से पहले सिर या शरीर की मालिश काफी फायदेमंद होती है, जिससे त्वचा की माँसपेशियों को न केवल आराम मिलता है, बल्कि नींद भी गहरी आती है।
किस प्रकार का व्यायाम नहीं करना चाहिये
  • जैसे जॉगिंग जैगिंग जैसा व्यायाम न करें इससेरीड, नितंब, घुटनों तथापीठ पर भारी दबाव पडता है।
  • जिस व्यायाम से पेट की मांस पेशियों खिंचेजैसे पैर उपर उठाना, उकडू बैठना गर्भावस्था में नहीं करना चाहिये।
  • चौथे महीने के बाद पीठ के बल पर लेट कर व्यायाम नहीं करना चाहिये क्योंकि गर्भाशय का वजन रक्तवाहिनियों को दबाता है जिससे रक्तसंचार में रूकावट आती है।
व्यायाम के अलावा और भी कुछ–
  • यदि गर्भवती महिला को शुगर की शिकायत हो तो भी उन्हें एलोवेरा किसी भी रूप में नहीं लेना चाहिये।
  • गर्भावस्था के दिनों में  त्वचा को नरम और मुलायम बनाए रखने के लिए किसी भी मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए। जिन महिलाओं की त्वचा तैलीय होती है, उन्हें प्रतिदिन ऐसे मॉइश्चराइजर का प्रयोग करना चाहिए, जो ऑइल बेस्ट न हों। जल आधारित मॉइस्चराइजर हल्के होते हैं। ये त्वचा को नरम और मुलायम रखने में काफी सहायक होते हैं।
  • यदि आपकी त्वचा रूखी है तो आपको तेलयुक्त मॉइस्चराइजर या क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • यदि आपकी त्वचा अधिक रूखी है तो आपको खुजली हो सकती है, इसलिए इन दिनों त्वचा की नमी को बनाए रखें।
  • कई महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान शरीर, टाँगों में दर्द की शिकायत रहती है, जिसकी वजह से उन्हें नींद में काफी व्यवधान होता है। ऐसी स्थिति में सोने से पहले सिर या शरीर की मालिश काफी फायदेमंद होती है, जिससे त्वचा की माँसपेशियों को न केवल आराम मिलता है, बल्कि नींद भी गहरी आती है।
  • यदि सुबह जी मचलाता है या उल्टियाँ होती है तो भूख लगने पर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में कई बार खाएँ, खूब सारा पानी पिए, अच्छी नींद लें।
  • सुबह एकदम अचानक से बिस्तर से न उठें।
  • सुबह बिस्तर से उठने पर बिस्किट अथवा हल्का नाश्ता लें।
  • संतुलित आहार के साथ नियमित रूप से आयरन एवं विटामिनों का सेवन करें। दवाइयाँ इत्यादि समय से लें। खाने के बाद कुछ देर के लिए सीधे बैठे अथवा टहलें।  तले हुए, चिकनाईयुक्त, मिर्च-मसाले वाले भोजन, मटन, चॉकलेट, कॉफी, पेपरमिंट, चाइनीज अथवा जंक फूड का सेवन एवाइड ही करें।इससे पेट में जलन अथवा बदहजमी से छुटकारा मिलेगा। सोने से पहले भारी भोजन न करें।

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