हमारा मुंह तमाम जीवाणुओं का जाल है ये जीवाणु दांतों के कोनों में जीभ, मसूड़े आदि जगहों पर छिपे होते हैं जो भोजन के अंशों पर जीवित रहते हैं जिससे बहुत से जीवाणुओं के किया कलापों से ऐसी गैसें बनती हैं, जो बदबूदार होती है। इसकी वजह से हमारी सांस में बदबू हो जाती है। परंतु हर व्यक्ति के मुंह से बदबू क्यों नहीं आती इसका उत्तर सरल है हमारे मुंह जो लार बनती रहती है उसमें जीवाणु नाशी शक्ति होती है यह जीवाणु को पनपने से रोकती है और सांस बदबूदार होने से बचाती है। लेकिन जब किसी वजह से मुंह में लार कम बनती है या सूख जाती है तब ये जीवाणु बेकाबू हो जाते हैं और सांस दुर्गंध युक्त हो जाती है। भूख, प्याज, सिगरेट, बीडी, शराब पीना, अधिक बोलना, बंद नाक के दौरान मुंह सूख जाता है लार सूख जाता है और मुंह से बदबू, आने लगती है उम्र के साथ-साथ शरीर के अधिकांश अंगों की कार्यक्षमता भी घटने लगती है और ग्रंथी भी इससे बच नहीं पाती है यही कारण है कि युवाओं के अपेक्षा वृद्धों में ज्यादा बदबूदार सांस की बीमारी होती है। बच्चों में लार पैदा करने की क्षमता सर्वथा अधिक होती है जिसकी वजह से उनकी सांस में एक अलग तरह की भीनी-भीनी गंध आती है।
सांस की बदबू दूर करने के आसान तरीके
- अपनी लार ग्रंथी को फिर से साकार करने की जरूरत है। इसके लिये पान खायें। मिश्री मुंह में रखकर चूसें फिर पानी पियं तुरंत सांस की बदबू गायब हो जायेगी।
- भोजन को अधिक चबाकर खाना चाहिये कारण अधिक चबाने से मुंह में अधिक लार बनती है और मुंह के अधिक जीवाणुओं को नष्ट कर देती है और बचे कुचे जीवाणु भोजन के साथ पेट के अंदर चली जाती है।
- दांतों को ब्रश से साफ करें क्योंकि कैसे-कैसे के जीवाणुओं के नष्ट कर।
- हल्का भुना जीरा चबाये बदबू जाती रहेगी।
- हरा धनिया पत्ता चबाऐ।
- जब भी पानी के नजदीक जाये कुल्ला अवश्य करें।
- .इलायची या मुलेठी चबाते रहें।
- एक चम्मच अदरक का रस गुनगुने पानी में डालकर कुल्ला करें।
- मुंह साफ करते समय दांत, जीभ तालू मसूड़े सबकी ठीक से सफाई करने चाहिये। कोई भी माउथ वॉश इस्तेमाल करते हैं। उससे थोड़ी देर के लिये इस समस्या से निजात जरूर मिल जाता है पर फिर वही बदबू कारण इनमें जो अलकोहल है वह मुंह को सुखा देता है हमारी लार ग्रंथी उससे प्रभावित होती है। और लार को सुखा देती है और सांस की बदबू फिर आने लगती है। इसके लिये हर थोड़ी देर पर पानी पियें। ऐसी चीजों का सेवन करें जो लार ग्रंथी को सक्रिय रखें तथा जीवाणुओं को पनपने दें।
- मुंह के द्वारा शरीर में प्रवेश करने वाले बाहरी तत्वों को गले में ही रोककर हमारी कई रोगों से रक्षा करता है ये टॉसिल बढ़ना कहते हैं। कई बार इस छोटी सी सूजन की परेशानी पर अगर ध्यान न दिया गया तो ये कई जटिलताऐं पैदाकर सकती है। इसका अंतिम उपाय है ऑपरेशन। वैसे तो कोई भी रोग हो अगर तुरंत चिकित्सा न की गई तो ठीक करने की या ठीक होने की संभावनाऐं बहुत कम हो जाती हैं। समय रहते आप छोटे से छोटे रोगों का भी उपचार करें तो अच्छा है। अगर टॉसिल बढ़ भी गया हो तो कोई बात नहीं इस नुस्खे को प्रयोग में लाकर आप काफी हद तक फायदा पा सकते हैं।
- सामग्री-
- 1.अकरकरा 4 ग्राम
- 2. सेंधा नमक डेढ़ ग्राम
- शीतल चीनी 3 से 4 ग्राम
- छोटी पीपर- 4 ग्राम
- 5.अनार का छिलका – 25 ग्राम
- 6.मुलहठी – 5 ग्राम
- विधि- सबको मैदे जैसा महीन पीस शीशी में रख लें। रोगी इस पाउडर को अंगुली से टॉसिल पर दिन में तीन-चार बार मुंह नीचे करके लगाये ताकि लार टपके। पूर्ण रूप से लाभ मिलने तक इसे प्रयोग करें। पहले दिन से ही लाभ महसूस करने लगेंगे।
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