Thursday, November 25, 2010

कितना जरूरी है हमारे लिए कैल्शियम

शरीर के स्वस्थ व संतुलित विकास के लिए हर उम्र में कैल्शियम की आवश्यकता होती है। जहां तक महिलाओं का प्रश्न है, हमारे देश की अधिकांश महिलाओं में कैल्शियम की कमी पाई जाती है। उनमें इसकी कमी किशोरावस्था से ही रहने लगती है, जो ताउम्र बनी रहती है। चूंकि महिलाएं गर्भधारण करती हैं तथा स्तनपान कराती हैं, इसलिए उन्हें खासतौर पर कैल्शियम की आवश्यकता होती है। सामान्य महिलाओं के लिए रोजाना 1000 मिलीग्राम, गर्भवती व स्तनपान करवाने वाली महिलाओं के लिए रोजाना 2010 मिलीग्राम कैल्शियम आवश्यक है। कैल्शियम की कमी के कारण हड्डियों का पोला या खोखला होना, उनका कमजोर हो टूटना, बार-बार फ्रेक्चर होना, कमर का झुकना व दर्द, हाथ-पैरों में झुनझुनी कमजोरी प्रमुख लक्षण हैं।

कमी के लक्षण- रक्तचाप का बढ़ना, दांतों का समय पूर्व गिरना, शरीर का विकास रुकना, हड्डियों में टेढ़ापन , शरीर के विभिन्न अंगों में ऐंठन या कंपन, जोड़ों का दर्द, मांसपेशियों में निष्क्रियता, जरा से टकराने पर हड्डियों का टूटना, चोट लगने पर रक्त का बहना बंद होना, मस्तिष्क का सही ढंग से काम न करना, भू्रण के विकास पर बुरा प्रभाव।

कैल्शियम के स्रोत- अनाज: गेहूं, बाजरा, दालें: मूग, मोठ, चना, राजमा, सोयाबीन, सब्जियां- गाजर, भिंडी, टमाटर, ग्वारफली, ककड़ी, अरबी, मूली, पत्तागोभी, मैथी, पुदीना, हराधनिया, करेला, चुकंदर, चौलाई, टिंडा, तुरई, नींबू, पालक, बथुआ, बैगन, लहसुन, लौकी, हरी मिर्च।

सूखे मेवे: बादाम, पिस्ता, मुनक्का, तरबूज के बीज, अखरोट, अंजीर। फल: अमरूद, आम, संतरा, अनानास, सीताफल, अनार, अंगूर, केला, खरबूजा, जामुन, नासपाती, पपीता, लीची, शहतूत, सेब।

मसाले: जीरा, हींग, लौंग, काली मिर्च, धनिया, अजवाइन, तेल। 

दुग्ध पदार्थ: दूध, दही, पनीर, मक्खन।

कंद: अदरक, सूरन, रतालू। कैल्शियम के अवशोषण के लिए विटामिन डी का सेवन बहुत जरूरी है। इसके लिए रोजाना 15 मिनट धूप पर्याप्त है।

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