Tuesday, November 9, 2010

हृदय रोगियों के लिये घरेलू जानकारियां

  • हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति अकसर सोचते है कि उन्हें क्या खाना चाहिये क्या नहीं?
  • अच्छी सेहत के लिये अपने भोजन में रेशेदार खाद्य पदार्थों का सेवन करें, बिना छाने गेहूं के आटे की रोटी, आटे की ब्रेड खायें।
  • शाकाहारी भोजन से आप अपने स्वास्थ्य को ज्यादा अच्छा रख सकते हो।
  • वैजीटेबल सूप में जौ का आटा मिला सकते हैं।
  • फलों के जूस का सेवन कम करें। फलों का सेवन अधिक करें इससे फाइबर अधिक मिलता है।
  • खाने में थोड़े सूखे मेवे का प्रयोग करें।
  • जिन सब्जियों या फलों को छिलके सहित खा सकते हैं उन्हे अच्छी तरह धोकर खायें।
  • डिब्बा बंद खाद्यानों का सेवन कम करें।
  • खाने में कभी-कभी शहद का सेवन करें।
  • नाश्ते में मीठे अथवा नमकीन दलिये का सेवन करें सेहत के लिये लाभप्रद होता है।
  • पेट को कचरे का डिब्बा समझ कर मत खाईये।
  • भर पेट भोजन न करें बल्कि एक रोटी कम खायें।
  • नाश्ते में हल्की चीजें जैसे दूध, ब्रेड, अंण्डा, बिस्कुट खायें।
  • तली भुनी चीजें कम से कम खायें।
  • भोजन में ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जी, सलाद, दाल, दही शामिल करें।
  • समय से खायें।
  • हमेशा शान्तिपूर्वक धीरे-धीर खायें भोजन जल्दबाजी में न करें।
  • मीठा खाये किंतु अधिक नहीं।
  • यदि पराठा खाना हो तो नान स्टिक पर सेंक कर खायेंइससे घी तेल कम लगेगा।
  • आलू कम खायें अगर खायें तो उबले आलू नमक काली मिर्च के साथ खायें।
  • चावल को माड निकालकर खायें, चावल घी या तेल में तलकर नहीं खाना चाहिये।
  • भोजन में अंकुरित दालें, अनाज, गाजर, फल अधिक उपयोग करें। खाने में रेंशेदार पत्तेदार सब्जियों का इस्तेमाल करें। इससे पेट साफ रहेगा।
  • खाने  में नींबू जरूर लें, उससे विटामिन सी की कमी पूरी होती है।
  • यदि आप होटल में खाना खाने जा रहे हों तो पहले सूप, नींबू पानी या अन्य पथ का इस्तेमाल करें।
  • फास्ट फूड, पेस्ट्री, केक कम खायें।
  • सप्ताह में एक दिन उपवास करें।
  • मलाई निकाला दूध ले गाढ़ा दूध न पीऐं।

हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति अकसर सोचते है कि उन्हें क्या खाना चाहिये क्या नहीं? ये सोचना बिलकुल उचित है क्योंकि खानपान का संबंध हृदय रोगों से है कुछ खाने के पदार्थ ऐसे है जिसके खाने से हृदय को ताकत मिलती है।

हईब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने के लिये किडनी अहंम रोल निभाती है इस पर ध्यान दें ।
ब्डप्रेशर के मरीजोंको मौसंमी फल ,सब्जियां तथा संतुलित आहार लें। आंवले का रस तथा मुरब्बा लें यदि मधुमेह न हो तो।हल्का फुल्का व्यायाम भी अवश्य  तथा नियमित करें।कारण व्यायाम इस बीमारी की आधी दवा खुद अपने में है।
  1. प्याज- एक कच्चे प्याज का नित्य सेवन करने से हृदय की धड़कन सामान्य होती है।   प्याज का रस रक्त के साथ मिलकर रक्त प्रवाह में सहायक होता है और हृदय को कई रोगों से बचाता है।
  2. गाजर- गाढ़े रक्त को पतला करने में व हृदय की धड़कन को सामान्य करने में गाजर बहुत सहायक होती है।
  3. नींबू- हृदय की कमजोरी दूर करने में नींबू अत्यंत लाभकारी है। इसके लगातार इस्तेमाल से रक्त वाहिनियों में लचक आती है। नींबू के सेवन से हाईब्लड प्रेशर कम होता है। हृदय शक्तिशाली बनता है।
  4. अमरूद – अमरूद में विटामिन सी होता है जो हृदय को बल व स्फूर्ति देता है।
  5. हींग- हींग दुर्बल हृदय को शक्ति देती है। रक्त के जमने को रोकती है रक्त संचार सरलता से होने के लिये मदद करती है। पेट में वायु का दबाव भी कम होता है।
  6. अदरक- ऐसा लगे मानो दिल बैठा जा रहा हो, दिल की धड़कन कम हो जाये तो सोंठ (सूखी अदरक) का काढ़ा बनाकर नमक डालकर प्रतिदिन सेवन करें।
  7. शहद- हृदय को शक्ति देने के लिये शहद सर्वोत्तम औषधि है हार्टफेल होने से सुरक्षा भी करता है। जब रक्त में ग्लाइकोजन के अभाव से रोगी के बेहोश होने का डर हो तो शहद खिलाकर उसे बचाया जा सकता है। शहद मिनटों में रोगी के हृदय तक पहुंचकर शरीर में शक्ति व उत्तेजना पैदा करता है। एक चम्मच शहद रोज खायें।
हार्टफेल से ऐसे बचें

दुर्बल हृदय के कारण हार्टफेल होने का खतरा रखने वाले मरीज अब अपनी टांगों को ज्यादा से ज्यादा हरकत में लाकर और डॉक्टर की निगरानी में टांगों का व्यायाम करके इस खतरे से काफी हद तक छुटकारा पा सकते हैं। एक शोध के अनुसार सांस का अटकना, अत्यधिक थकावट, पांव एवं पिडंलियों के इर्द गिर्द सोजिश हार्टफेल की तरफ बढ़ने की मुख्य निशानियां हैं। डॉक्टर की सलाह पर पिंडलियों की मालिश और व्यायाम करने से खतरे से बचने की काफी गुंजाइश रहती है। मगर जरूरी है कि कम से कम तीन माह तक लगातार  मालिश और व्यायाम किया जाए।
दिल का दौरा पड़ने पर क्या करें?
जब किसी को दिल का दौरा पड़ जाये तो प्रयास यही होना चाहिये कि उसे शीघ्र अस्पताल ले जाये। परंतु ऐसे समय पर यदि आप अकेले हो तो क्या करें?

दिल की धड़कन अनियमित होने और बेहोशी आने में केवल दस सेकेंड का अंतर होता है। ऐसे में मरीज को बार-बार जोर-जोर से खांसना चाहिये। हर बार खांसने के पश्चात गहरी सांस लेनी चाहिये। फिर जोर से खांसना चाहिये हर दो सेकेंड के बाद जोर-जोर से खांसना चाहिये तब तक खांसना चाहिये जब तक अस्पताल न पहुंच जायें इससे हृदय पर पड़ने वाले दबाव से खून का दौरा चलता रहता है। हृदय को सामान्य रखने में सहायक होता है। खांसते हुऐ गहरी सांसे लेते हुए डॉक्टर को फोन भी कर सकते हैं।


सबसे पहले एस्प्रिन या डिसप्रिन दवाई दें बिना पानी के जीभ के नीचे रख देंया रख लें।

तनाव रहित रहना है तो नाश्ता कीजिये।
(तनाव खुद अपने में एक बीमारी स्वरूप है इसे दूर रहकर तमाम बीमारी से आप खुद दूर रहेंगें)
नवीनतम शोध के अनुसार प्रतिदिन नाश्ता न करने वाले व्यक्तियों की तुलना में नाश्ता लेने वाले कम तनाव पूर्ण रहते हैं। नाश्ता लेने वाले बच्चों का शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है। जो बच्चे नाश्ता नहीं लेते वो बच्चे पढ़ाई में मन नहीं लगा पाते, ना ही स्वस्थ रह पाते हैं। अगर आप शारीरिक, मानसिक रूप में स्वस्थ रहना चाहते हैं तो नाश्ता हर रोज कीजिये।(तनाव में बने रहने से नाश्ता न करने या समय पर न करने से बच्चे भी रक्तचाप की चपेट में आ सकते हैं)

मौसमी  फल- हृदय और( रक्त संस्थान) रक्त वाहिनियां तथा केपीलरीज को शक्तिशाली बनाने में मौसमी फल सर्वोत्तम है। इसके निरंतर प्रयोग से रक्त वाहिनियां कोमल व लचीली होती है। उनमें एकत्रित गंदा कोलोस्ट्रोल शरीर से बाहर निकालने में मौसमीफल सहायक होती है। नींबू,खरबूजा,तरबूज गर्मियों में

फूड जो बनाये मूड(रक्तचाप को रखे नियंत्रित)
सुबह जो एनर्जी हम अपने अंदर महसूस करते हैं, वह शाम होने तक धीरे-धीर फुस्स होने लगती है। हम थकान महसूस करने लगते हैं। कारण हमारा भोजन (फूड) इसका असर हमारे मूड पर पड़ता है। हमारा भोजन कैसा हो, हमारा मूड कैसा है या हो इन सबके लिए हमें दिमाग का काम लेना पड़ता है। कारण यही दिमाग हमारे शरीर के हर सिस्टम को कंट्रोल करता है। जैसे हमारे भोजन के रासायनिक तत्वों को एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम तक पहुंचाता है। जिसका असर हमारे दिल, शरीर, दिमाग पर पड़ता है और यही हमारे मूड को अच्छा या खराब बनाता है। अगर हम चाहते हैं कि हम हमेशा एलर्ट, चौकन्ने, फुर्तीले रहें, इसके लिए हमें अपने भोजन में प्रोटीन की मात्रा बढ़ानी होगी। कार्बोहाइड्रेट या लो फैट वाले भोज्य पदार्थ का सेवन करें। हमारे शरीर में कुछ रसायन जो शरीर को फुर्तीला बनाता है, वे दोपहर को तेजी से बनते हैं। इसलिए लंच में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर जरूर लें। अपने खाने में दोपहर को नीबू को अवश्य शामिल करें, इससे एलर्टनेस आती है।
हमारे शरीर का हर अंग आंख, हाथ, पैर सबका काम दिमाग से ही जुड़ा होता है। स्वस्थ रखने के लिए अपनी याद्दाश्त अच्छी बनाने के लिए, ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिये कार्बोहाइड्रेट पदार्थ लें, जैसे ब्राउन राइस, शकरकंद, बाजरा, ओट, वाइट ब्रेड, पास्ता, राइस कम से कम खायें। कार्बोहाइड्रेट पदार्थ देर से हजम होते हैं। इस वजह से देर तक हमें स्फूर्ति देते रहते हैं। संतरा, सेब, दही कार्बोहाइड्रेट के रिच स्रोत हैं। सनफ्लावर से बने फूड से हम अपने शरीर की डिमांड आधे से ज्यादा पूरी कर सकते हैं। केले में वसा बिल्कुल नहीं होता, आप इसे दोपहर को खा सकते हैं। ड्राईफ्रूट में अखरोट, पिस्ता, इससे विटामिन ई प्रचुर मात्रा में मिलता है। ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है। डार्क ब्राउन चॉकलेट खाने से उसमें होने वाले तत्व हमारे मूड को अच्छा बनाती है तथा हम अंदर से खुशी महसूस करते हैं। पानी भी कम महत्वपूर्ण नहीं है, हमारे शरीर के थकावट को दूर करने के लिए। मतलब यह कि अगर आपको भूख लगी है, कहीं से आ कर इसका मतलब ये नहीं कि आप को सिर्फ भूख ही लगी होती है। पानी भी हमारे शरीर की भूख का एक हिस्सा है। दिन भर में कम से कम 8-10 गिलास पानी अवश्य पियें।

No comments: