स्थि क्षय (जोडों की समस्या)- हमारे शरीर के लिये कैल्शियम एक महत्वपूर्ण खनिज तत्व है जो अस्थियों को स्वस्थ बनाये रखता है। इसका काम हमारे शरीर में हृदय को सुचारू रूप से चलाना, मांसपेशियों को लचीला रखना, चोट लगने पर अधिक रक्तस्त्राव के समय खून का थक्का जमने में सहायक है जिससे हमारे शरीर का अधिक से अधिक खून नहीं बहने पाता। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है कैल्शियम की कमी होती जाती है। स्त्रियां में यह कमी मासिक स्त्राव से निवृत (Menopose) मीनोपॉज के बाद इतनी अधिक हो जाती कि जरा सा गिर जाये तो हड्डी टूट सकती है। ऐसी स्थिति में अगर आप अपने खाने पीने पर विशेष ध्यान दें तो कैल्शियम की कमी तेजी से पूरी हो जाती है जैसे दूध, दही, पत्तेदार सब्जियां, चोकर वाला आटा। अगर आप उम्र रहते ही खानपान से सावधानी बरते तो वृद्धावस्था में आपको कष्ट नहीं झेलना पड़ेगा।
मस्तिष्क की कार्य क्षमता में भी आहार का बड़ा हाथ है-
शोधकर्ताओं की जानकारी के अनुसार लोगों के भोजन में विटामिन बी की कमी से मस्तिष्क प्रभावित होता है तथा पठन-पाठन की क्षमता क्षीण होती है। जब तक इसकी कमी से काम चलता है तब तक इसके कोई लक्षण नहीं दिखाई देते जब तब तक एमीनीऐसिड हिमोसिस्टीन का स्तर बढ़ा रहता है अगर आप भोजन द्वारा ही इन चीजों का ध्यान रखें तो होमोसिस्टीन का स्तर फिर से सामान्य हो सकता है तथा मस्तिष्क की कार्य क्षमता बढ़ सकती है। इसके लिये विटामिन बी, बी-6, फोलिक ऐसिड की जरूरत है। इसके बारे में विस्तार से ऊपर कई बार दिया गया है।
बच्चों में भी हरी पत्तेदार सब्जियां, किसी भी रूप में दें।
खिचड़ी में आप ये सब डालकर वेजीटेबल खिचड़ी बना सकते हैं। जूस पी सकते हैं सूप पी सकते हैं।
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