Saturday, November 20, 2010

मधुमेह(DIABETES) में दवाईयों के साथ-साथ आहार-विहार का महत्व

मधुमेह के रोगी का आहार तथा विहार-
ग्लूकोज  तुरंत ऊर्जा का एक स्त्रोत है।परंतु शरीर की कोशिकाओं में इसके प्रवेश के लिए इन्सुलिन की आवश्यकता होती है या यूं कहें कि हमारे शरीर की कोशिकाओं में ग्लूकोज के प्रवेश करने का मार्ग खोलती है।जब भी भोजन द्वारा उत्पन्न ग्लूकोज का उपयोग शरीर की कोशिका नहींे कर पाती है ,तो रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है और यही कारण है जो मधुमेह को जन्म देती है अत:मधुमेह इन्सुलिन हार्मोन की कमी या उसकी कार्यक्षमता में अवरोध के कारण उत्पन्न होता है।

नियमित समतुलित व्यायाम(विहार) का मधुमेह के उपचार में बहुत महत्व है.।व्यायाम से शर्करा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।मांसपेशियों द्वारा ग्लूकोज के उपयोग को बढाती है।स्थूलकाय शरीर का वजन कम करती है।कोलोस्ट्रॉल को नियंत्रित रखती है।
व्यायाम करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
मधुमेह के रोगी के लिये घूमना ,टहलना,सबसे अच्छा व्यायाम होता है परंतु इसके अलावा टेनिस, बैडमिंटन,साइकलिंग भी कर सकता है।

मधुमेह में दवाईयों के साथ- साथ आहार का भी बडा महत्व है।

-शक्कर का किसी भी प्रकार से सेवन न करें।
-कुछ भोज्य पदार्थ किसी भी मात्रा में खाया जा सकता हैजैसे नींबू,पानी,तथा सब्जियों का सूप,नारियल पानी।
तथा धूम्रपान से दूर रहना चाहिये मांस,मदिरा का सेवन न करें।
-मधुमेह के रोगी को अधिक कैलरी वाली कार्बोहाइड्रेट लेना उपयुक्त है भोजन में रेशेदार पदार्थका सेवन करेंवसायुक्त(चिकनाई) भोजन कम करें।
-भोजन को अधिक चबाकर खाना चाहिये।
-मधुमेह के रोगी के लिये आंवला, करेला ,प्याज ,ककडी,टमाटर ,चौलाई,कटहल,नारियल पानी,संतरा,जामुन ,मेथी की सब्जी लाभकारी है
- मधुमेह के रोगी को अंण्डा,अदरक ,इडली ,पपीता,अनार,मखाना,बदाम,पत्तागोभी, पेठा,पेस्ट्री,मीठे बिस्किट,चिप्स,मेवे,मूंगफल्ली का सेवन कम करना चाहिये। अधिक पके फलों का सेवन न करें इससे शूगर बढने का डर होता है। जहां तक हो सके कुछ कच्चा फल ही खाने की कोशिश करें।
-मधुमेहकेरोगीकोआइस्क्रीम,खजूर,चीकू,बादा,किशमिश,आमलेट,शहद,ग्लूकोज,चीनी, के सेवन से बचें।
-सदाबहार के फूल (बारह मासी के फूल)इसे अपने  घर पर गमले में लगा सकते हैं ये बैंगनी तथा सफेद  इन दो रंगों में फूल होता है ।आप बैंगनी  रंग वाला फूल इस्तेमाल करें।एक कप उबला पानी लेकर चार पांच फूल कप मेंडाल कर छोड दें थोडी देर बाद फूल को पानी में मसलकरफूल फेंक दें पानी पी जायें ये उपाय सुबह सबेरे नित्यकर्म से खाली होकर खाली पेट करें सात दिन तक यही प्रयोग करते रहें फिर सात दिन के लिये बंद कर दें ब्लड़शुगर चेक करवायें यदि नार्मल हो तो ये उपाय छोड दें वरना सात दिन बाद फिर शुरू करें इस तरह करें जब तक ब्लड़शुगर नार्मल न हो जायें ये उपाय दो से तीन माह तक आजमाए जा सकते हैं। ये उपाय कारगर तथा सस्ता भी है।
-नीम ,हरड,बहेडा, करेला,गूलर ,आंवला किसी भी रूप में, जामुन तथा इसके सूखी  बीज का पावडर तथा प्याज आदि लाभप्रद है। इसके अलावा सावाां ,कोदो जौ चना  पालक,चौलाई केला कुंदरू का सेवन भी करना चाहिये
अच्छा तो ये होगा कि समय रहते ही या युवावस्था से ही आहार विहार का विचार करना शुरू कर दें।

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