Thursday, November 11, 2010

हमारी आंखें प्रकृति का वरदान है

हमारी आंखें प्रकृति का वरदान है…. इनकी देखभाल करना हमारा काम है।
सुंदर आंखों के लिये हमें किन -किन बातों का ध्यान रखना होगा
लेपकर पढ़ना या टेलीविजन देखने से सर दर्द और आंखों का मिचमिचाना आरंभ हो जाता है। टीवी 10 फीट दूर से देखना चाहिये। इनकी रक्षा के लिये हमेशा तत्पर रहना जरूरी है। रात देर तक जागने से, धुंआ, धूप से आंख को रोकना होगा। माथे पर सरसों का तेल लगाना, बासी पदार्थों का सेवन, देर से पचने वाली वस्तुओं का सेवन, धूम्रपान नशीली वस्तुओं का सेवन वर्जित है।
आंखों में कचरा या मच्छर घुसते ही सीधे खड़े हो जाये और दोनों आंखें बद कर पीछे की तरफ सिर्फ तीन कदम हटें फिर रूक जाये। जिस आंख में कुछ न घुसा हो उसे हथेली से हल्का-हल्का हाथ से मसलें और आंखें खोल दें। कचरा या मच्छर बाहर निकल जायेगा।
ख्याल रखें जिस आंख में कुछ घुसा हो उसे न मसलें।
विटामिन ए की कमी से आंखों के रोग होते हैं।
विटामिन ए की कमी से हजारों बच्चे, बड़े अंधे हो जाते हैं। विटामिन की कमी न रहे इसलिये गर्भवती महिला को चाहिये विटामिन ए अधिक लें। बच्चों को प्रारंभिक 6 माह तक मां का दूध अवश्य दिया जाये।

आंख की बीमारियां -आंख पर होने वाली फुन्सी(बिलनी) - अक्सर पलकों पर फुन्सियां हो जाती हैं, जो बहुत परेशान करती हैं। इसके लिए आम के पत्ते को तोड़ें, अब उसी की डंठल को दबा कर उसका रस निकालें और उसे फुन्सी पर लगायें। एक या दो बार प्रयोग से आराम मिलेगा।
कमजोर नजर - पिसी बादाम, सौंफ और मिश्री, इन तीनों सौ-सौ ग्राम ले कर टाइट ढक्कन वाली शीशी में बंद कर रख लें। रोज रात एक चम्मच भर कर दूध के साथ सेवन करें, इससे नेत्रदृष्टि अच्छी हो जायेगी।
आंखों की रोशनी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ- गाजर में कैरोटिन होता है, जो आंखों की रोशनी को बढ़ाता है। अंडा- अंडा, ब्रोकली, ब्रसल्स, कीवीफ्रूट, ये मोतियाबिंद होने के खतरे से बचाता है। मकई- मकई ढलती उम्र में होने वाली आंख की बीमारियों को रोकता है।

नेत्रज्योति- रोज नहाने से पूर्व पांव के अंगूठों में सरसों का तेल मलें, नेत्रज्योति बुढ़ापे तक कमजोर नहीं होगी।
मोतियाबिंद- रोज माथे पर असली चंदन घिस कर लगायें, मोतियाबिंद नहीं होगा।
आंखें दुखना- यदि यह महसूस हो कि आंखों में दर्द होने वाला है या फिर दर्द आरंभ हो गया हो, तो ऐसी स्थिति में उसी समय उसी ओर के कान में रुई ठूंस लें। यदि दोनों आंखों में दर्द है, तो दोनों कानों में रुई ठूंस लें। 2-3 घंटे के लिए दर्द ठीक हो जायेगा।

आई फ्लू -यह बीमारी बारिश की नमी के कारण फैलती है। इससे आंखे लाल हो जाती हैं। आंखों से पानी निकलता है, आंखों में चुभन महसूस होती है।
उपाय :
आई फ्लू होने पर चश्मे का प्रयोग करें
किसी व्यक्ति से हाथ नहीं मिलाना चाहिए।
आंखों को हाथ से नहीं रगड़ना चाहिए।
यदि बच्चों के आंख में हो गया हो तो उसे स्कूल नहीं भेजना चाहिए।
आंखों को तीन-चार बार गुनगुने पानी से धोना चाहिए।
तीन-चार दिन रोगी को आराम करना चाहिए।
किसी दूसरे को तौलिया, रुमाल इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान होने वाली आंखों की परेशानियों से सावधान रहें।
कोई जरूरी नहीं कि हर गर्भवती महिला की आंखों में परेशानी हो। पर जिसकी आंख में पहले से कमजोरी हो वह और कमजोर हो जाती है। उन्हें टेस्ट करवाते
रहनाचाहिए। गर्भावस्था के दौरान किसी तरह से आंखों का कोई आपरेशन नहीं करवाना चाहिए।
आंखों की देखभाल–
पानी हमारे शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक है। दिन भर में दस ग्लास पानी अवश्य
पियें। पानी की कमी से आंखें निस्तेज हो जाती हैं। आंखों के नीचे काले धब्बे नजर
आते हैं।
- भोजन में रेशेदार फल खायें
-  चिंता, तनाव, अनिद्रा से बचें।
- आंखों की रोशनी ठीक रखने के लिए विटामिन ए का महत्वपूर्ण योगदान है। गाजर, पपीता, आम, अजवाइन, दूध, मक्खन का प्रयोग करें।
- आंखों की चारों ओर की सफाई रोगन बादाम या क्रीम से करें। हल्के हाथ से मालिश करें। रात को सोने से पूर्व करें और सोने से पूर्व क्रीम पोछ दें।
-  आंखों का मेकअप, काजल, साबुन पानी से चेहरा धोकर तौलिया से रगड़ कर छुड़ाने का प्रयास ना करें। इससे त्वचा पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं। आंखों के आस पास की त्वचा की सफाई सदैव चिकनी क्रीम से करें। क्रीम को पोछने के लिए गीली रुईं लें।
-  खीरे के रस में भिगाकर रुई फ्रिज में रखें। दोपहर को सोते समय आंखों पर रखें। गुलाब जल में रुई भिगो कर आंख पर रखें।
-  आंखों को स्वस्थ रखने, चश्में से दूर रहने के लिए नित्य मुंह में पानी भर कर दिन में दो बार 25-50 बार आंखों पर पानी का छींटा मारें।
-   आंखों में जलन हो या धूप से आयें हो तो बर्फ का पानी की पट्टियां रखें।
-   आंखों के चारों ओर कालें घेरे होने पर काजल का इस्तेमाल ना करें।
-  ओस पड़ी घास पर नंगे पांव चलें।
-  रंगीन टीवी कम देखें। ब्लैक एंड व्हाइट टीवी देखें।
-  सही रोशनी में काम करें।

1 comment:

ASHOK BAJAJ said...

बढ़िया प्रस्तुति के लिए साधुवाद .

ग्राम-चौपाल - कम्प्यूटर में हाईटेक पटाखे