अगर आप अपनों का नाम भूल जाएं या घर के अंदर एक से दूसरे कमरे में जाने का रास्ता भी आपको याद न रहे, तो इसे मामूली तौर पर न लें। चिकित्सकों का कहना है कि यह बीमारी याददाश्त में कमी न होकर अल्जाइमर हो सकती है, जिसके लिए किसी मनोचिकित्सक से संपर्क करना जरूरी है। अल्जाइमर का सटीक कारण अब तक पता नहीं चल सका है। शोध से पता चला है कि 45 वर्ष की उम्र के बाद ब्लैक टी पीने से अल्जाइमर की आशंका कम हो जाती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक आकलन के मुताबिक दुनिया भर में लगभग एक करोड़ 80 लाख लोग अल्जाइमर से पीड़ित हैं। इस बीमारी से ग्रस्त मरीज पर सतत ध्यान देने की जरूरत है। दवाओं से ऐसे मरीजों को कुछ सहायता मिल सकती है, हालांकि इस बीमारी का उपचार अब तक उपलब्ध नहीं है। अगर आप यह भूल जाएं कि आपने नाश्ता किया या नहीं, आपको यह याद न आए कि फोन कैसे लगाना है, अपने घर की दूसरी मंजिल पर कैसे जाएं और अपने बच्चों या अपने साथी का नाम भूल जाएं, तो ये अल्जाइमर की बीमारी हो सकती है। इस बीमारी का पूरी तरह उपचार उपलब्ध नहीं है और इसलिए किसी को अगर लगे कि उसे खुद में इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो उसे या उसके परिवार को फौरन मनोचिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि याददाश्त कम होना उतनी खतरनाक स्थिति नहीं है, जितना अल्जाइमर। अल्जाइमर दिमाग के तंतुओं का आपस में संपर्क कम होने से उपजने वाली स्थिति है। बहुत से लोग अल्जाइमर को भी याददाश्त कम होना मान लेते हैं, पर अल्जाइमर में व्यक्ति खुद को और संबंधियों को भी भूल सकता है। गौरतलब है कि ‘ब्लैक’ फिल्म में अमिताभ बच्चन ने एक ऐसे शिक्षक की भूमिका निभाई थी, जिसे बाद में अल्जाइमर हो जाता है और वह सबको भूल जाता है।
2 comments:
स्मृति का लोप हो जाना बड़ी विकत समस्या है. यह व्यक्ति के पूरे जीवन को एक चुटकी में पोंछ देने जैसा है.
लेकिन यह समस्या मनोवैज्ञानिक नहीं है. इसे आप स्नायुविक (न्यूरोलौजिकल) कह सकते हैं.
आपका ब्लौग आज पहली बार देखा. आपने विविध विषयों पर जानकारीपूर्ण पोस्टें प्रस्तुत की हैं. आभार.
अच्छी जानकारी है। धन्यवाद।
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