Thursday, December 9, 2010

कितनी घातक हैं मोबाइल की तरंगें

लैंड लाइन फोन और मोबाइल फोन में एक खास अंतर है, वह यह कि लैंड लाइन में जहां तार का उपयोग होता है, वहीं मोबाइल फोन में रेडियो तरंगों का। मोबाइल फोन की ये तरंगें अत्यधिक शक्तिशाली होती हैं। जाहिर है इसका सेहत पर प्रतिकूल असर तो पड़ेगा ही।


  •  यदि मोबाइल फोन पर लगातार 20 मिनट तक बात की जाए, तो मस्तिष्क का तापमान दो डिग्री बढ़ जाता है।
  •  मोबाइल के इस्तेमाल के दौरान उससे निकलने वाली तरंगें पार्किन्सन, अल्जाइमर्स आदि रोगों का कारण बनती हैं।
  •  एक घंटे से अधिक समय तक रोजाना मोबाइल का इस्तेमाल करने से कानों में सूजन तथा घंटी बजने की आवाज सुनाई देने लगती है।
  • मोबाइल फोन के एंटीना तथा ट्रांसमीटर से निकलने वाली विद्युत चुंबकीय तरंगें कैंसर का कारण बन सकती हैं।
  • शहरों में अनेक मोबाइल कंपनियों ने अपने टावरों का जाल फैलाकर रखा है, जो रहवासी क्षेत्रों में होने से जन साधारण के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं।
  •  मोबाइल टावर से 300 मीटर के दायरे में रहने वाले अनेक लोगों को खून की कमी, दृष्टि दोष, यौन अनिच्छा तथ अनिद्रा जैसी शारीरिक समस्याएं भी इसके कारण हो सकती हैं।
  •   टॉवर से निकलने वाली विद्युत चुंबकी तरंगों से वयस्कों में नपुंसकता का प्रभाव होता देखा गया है।

1 comment:

Rajeev Bharol said...

आपको यह जानकारी कहाँ से मिली. कृपया जानकारी का स्रोत बताएं...