Thursday, December 9, 2010

स्टेच मार्क्स से कैसे बचें

गर्भावस्था या प्रसव के बाद महिलाओं में पेट के आसपास अक्सर भद्दे से स्ट्रेच मार्क्स उभरना आम है। यह उनके पेट के हिस्से की त्वचा को भद्दा बना देते हैं। वजन कम होने के बाद या वजन बढ़ने पर भी ये होते हैं। ये पतले लाल या सफेद रंग के उभरे हुए निशान पेट, छाती और जांघों के निचले हिस्से पर होते हैं। आमतौर पर ये मार्क्स त्वचा के नाजुक फाइबर्स की कमजोरी या फटने से नजर आते हैं। गर्भावस्था में हार्मोंस असंतुलन से भी होते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि टमी पर क्रीम से मसाज करने से लाभ होता है और त्वचा में भी रक्त का संचार इससे अच्छा होता है। कॉस्मेटोलॉजिस्ट मेधा पंशिकर का कहना है कि स्ट्रेच मार्क्स मुख्य रूप से कोलेजन प्रोटीन्स के समूहों में आई खराबी के कारण इन फाइबर्स के फटने से उत्पन्न होते हैं। ये प्रोटीन युक्त पदार्थ त्वचा को लचीलापन प्रदान करते हैं और त्वचा को बांधे रखने वाले फाइबर्स को नुकसान पहुंचने से भी बचाते हैं। यह समस्या अनुवांशिक भी होती है।


कुछ उपचार: कोका बटर को मिश्रित करके इसमें नारियल के तेल को मिलाकार अवन में तब तक रखें जब तक यह पिघल न जाए। इसे अच्छी तरह से घुमाएं और फिर ठंडा होने दें। इसके बाद इस ठंडे मिश्रण को छाती, भुजाओं, हिप्स, टमी और प्रभावित अन्य अंगों पर लगाकर इससे मसाज करें।
गर्म पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर बाथ लेने से त्वचा की नमी लौटती है और टमी (तोंद)पर सीधे ही शहद से नहाने के दौरान मसाज करने से भी लाभ मिलता है। स्टेच मार्क प्रीवेंशन लोशंस भी प्रयोग किए जा सकते हैं।
सफेद साफ कपड़े को गर्म दूध में भिगोएं और 15 मिनट तक उसे दूध से भीगे कपड़े को अपने पेट पर रखें और यह क्रिया बार-बार इस समस्या से निजात के लिए दोहराएं। विटामिन ई और जैतून का तेल भी प्रभावित स्थान पर लगाया जा सकता है।

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