Thursday, December 2, 2010

प्रग्नेंसी और मार्निंग सिकने

गर्भवती महिलाओं में अक्सर सुबह के समय होने वाली समस्याएं सबसे ज्यादा तकलीफदेय होती हैं, जिसे चिकित्सकीय भाषा में मॉर्निंग सिकनेस कहा जाता है। लेकिन यह भी ध्यान रखें कि एक्सपेक्टिंग विमन में इसकी बढ़ती तीव्रता इस बात की परिचायक है कि उनके यहां अब जल्दी ही कोई नन्हा-मुन्ना आने वाला है। अत: विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि उबकाइयां आना और उलटी की शिकायत के साथ-साथ यदि महिलाओं में मार्निंग में गुड़गुड़ाहट होना आदि भी आम है। कई महिलाओं में शरीर में अत्यधिक कमजोरी आने के भी लक्षण इस दौरान देखे जाते हैं।


क्यों होता है- गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोंस की उथल-पुथल मची होती है और इसके कारण उनमें हार्मोंस के स्तर में भी असंतुलन हो जाता है। इसके कारण सारी क्रियाएं गड़बड़ा जाती हैं और शरीर को इस स्थिति में संतुलन बैठाने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इसके अलावा विटामिन बी की कमी और उनके शरीर में रासायनिक परिवर्तनों के कारण गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रेक्ट का संवेदनशील होना भी इसका प्रमुख कारण है।

उपचार
मार्निंग सिकनेस शब्द से जाहिर है कि इस तरह की जटिलताएं महिलाओं के सामने सुबह के समय आती हैं, लेकिन सिकनेस के लक्षण भी उनके मां बनने की दिशा में शुभ संकेत हैं, लेकिन कष्टप्रद भी होते हैं, जिनसे 80 फीसदी महिलाओं का पाला पड़ता है। क्या होता है विशेषज्ञों का कहना है कि इस मॉर्निंग सिकनेस के तहत उलटी के साथ घबराहट और उबकाइयां आने का अनुभव महिलाओं को होता है। साथ ही सिरदर्द, शरीर में हर कहीं दर्द, पेट रात के समय भी उनमें ये पीड़ादायक लक्षण प्रकट हो सकते हैं। अत: इससे बचने के लिए इन चीजों पर ध्यान दें...

उपरोक्त जटिलताओं से बचने का बेहतर तरीका है कि गर्भवती महिलाएं एक अंतराल से कम-कम मात्रा में भोजन करें एक साथ ज्यादा भोजन लेने की अपेक्षा यह तरीका ठीक है। भोजन में कार्बोहाइड्रेट, विटामिन जो सहजता से पच सके उनकी प्रचुरता हो।

पर्याप्त मात्रा में पानी और तरल को अहमियत दें। इससे शरीर में पानी की कमी दूर होने में मदद मिलती है।

आवश्यक है पीड़ित महिलाएं कैफीन रहित चाय जैसे अदरक वाली चाय, पोदीने की चाय को अहमियत दें। इस तरह की चाय सिर दर्द में भी लाभकारी होती है।

  इसके अलावा नींबू का रस उबकाई आने और उलटी से भी बचाव करता है। पीपरमेंट को सूंघना भी लाभकारी होता है।

ख्याल रखें, सोते वक्त खाली पेट न रहें। खाली पेट में अम्ल बनता है और एसिडिटी की समस्या सता सकती है। सुबह के वक्त ड्राय फू्रट्स और हल्का-फुल्का नाश्ता भी लेना आवश्यक है।

समस्या ज्यादा बढ़ गई हो, तो चिकित्स से परामर्श लेकर गोलियों और दवाओं से उपचार करवाएं।

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