Wednesday, October 20, 2010

लौट आया गुजरा ज़माना

फैशन की गाड़ी का पहिया अनवरत चलायमान रहता है, इसी वजह से तो बीते हुए कल का फैशन आज लेटेस्ट ट्रेंड में शुमार हो गया है। कल जिस को देखकर लोग ओल्ड फैशन या फिर आउट आॅफ फैशन का तमगा दे देते थे, आज उसे ही बड़े चाव से पहन रहे हैं। हम बात कर रहे हैं हैंडलूम कपड़ों की। चाहे जींस हो या फिर पारंपरिक परिधान सलवार कुर्ता सभी में एक ही बात कॉमन है और वो है हैंडलूम वाले फैब्रिक। प्रिंट से लेकर फैब्रिक सभी में हाथों का काम ही चाहिए, आज की जनरेशन को। सत्तर और अस्सी के दशक में कॉटन छोड़ साटन की शरण में आने वाले फैशन परस्त लोग फिर से कॉटन की पनाह में दिखाई दे रहे हैं। मॉडर्न लुक को एथनिक टच देने के लिए जरी वर्क, गोल्डन या सिल्वर बार्डर का प्रयोग किया जा रहा है।

फैब्रिक इन फैशन
कुर्तियों में कॉटन, जॉर्जेट और शिफॉन के साथ जूट को भी पसंद करने वालों की संख्या कम नहीं है। कॉटन हो या फिर सिल्क दोनों ही रॉयल लुक देने के साथ कंफर्टेबल भी होते हैं। जो लोग कॉटन और सिल्क के मिक्स फैब्रिक पहनना पसंद करते हैं, वो माहेश्वर, चंदेरी को तरजीह दे रही हैं। वहीं सूट में गढ़वाल कॉटन, चंदेरी और कोसा का खुमार युवतियों पर छाया हुआ है। पुराने डिजाइन जैसे अनारकली पैटर्न और चोली कट कुर्तियों की बहार फिर लौट आई है।
प्रिंट भी बेमिसाल
इस समय पारंपरिक प्रिंट जैसे दाबू, बाग, बटिक, बंधेज और कोटा प्रिंट आदि का चलन है। दाबू और बाग दोनों ही ब्लॉक प्रिंट कहे जाते हैं। लकड़ी के ब्लॉक द्वारा प्लेन कपड़े पर डिजाइन बनाई जाती है। राजस्थान और गुजरात के पारंपरिक प्रिंट कहे जाने वाले बंधेज का भी क्रेज युवतियों पर हावी है। तभी तो बंधेज का दुप्पटा प्लेन सूट के साथ या फिर जींस के साथ बंधेज कुर्ती पहनना युवतियां पसंद कर रही हैं। इसके अलावा राजस्थान का कोटा प्रिंट भी युवतियों के मन को खूब मोह रहा है। हल्के रंग पर चटख रंग के फूल और पत्तियों की खूबसूरत डिजाइन तो पहली नजर में ही दिल में घर करती जा रही है। इसके अलावा कुर्तियों की बात करें या फिर सलवार कुर्ते की, तो सब पर जरी की कढ़ाई और गोल्डन के हल्के बॉर्डर आदि लगाकर पारंपरिक लुक देने का प्रयास किया जा रहा है। मॉडर्न के साथ एथनिक लुक न्यू जनरेशन को बहुत भा रहा है।
कौन से कलर हॉट डिमांड में
खिली-खिली धूप में जहां हल्के रंगों के परिधान पसंद किए जा रहे हैं, वहीं थोड़ी फुहारों में चटख रंगों को ज्यादा तरजीह दी जाती है। फिलहाल कत्थई, गहरा हरा रंग ज्यादा चलन में है।

No comments: