कई विविध प्रकार की बीमारियों की अवस्था में एबडॉमिनल पेन या पेट दर्द की समस्या उभरती है। लक्षण ऐसे भी: गालब्लेडर में एबडॉमिनलया जलन होना, एंपेडिक्स के कारण दर्द होता है। गैस्ट्रिक समस्याएं : गैस, कब्ज, फूड पॉइजनिंग, फूड एलर्जी, गेस्ट्रोएंटराइटिस। अन्य: हार्ट बर्न या एसिड रिफ्लिक्स हार्निया, किडनी में पथरी, गाल स्टोन, महिलाओं में मासिक चक्र के कारण, ओवेरियन सिस्ट या कैंसर होने पर, निमोनिया, पेट में अल्सर होने अथवा मूत्र मार्ग में किसी प्रकार के संक्रमण की अवस्था में पेट दर्द कीशिकायत हो सकती है। पांच घंटे या इससे भी अधिक समय तक असहनीय दर्द रहे। उलटी, कब्ज, खाना खाने के बाद पेट दर्द होना। भोजन निगले में दर्द होना। वजन का घटना। मूत्र त्याग करने के दौरान होने वाले दर्द में चिकित्सक से तुरंत मिलें। यदि यह दर्द छाती और कंधों तक फैल जाए और साथ में बुखार भी आ रहा हो और भूख की कमी हो, तो इसे गंभीर मानें।
इसके तहत लेबोरेटरी टेस्ट में ब्लड काउंट, पेंक्रियाज व लिवर एंजाइम्स टेस्ट और यूरिन टेस्ट शामिल होता है। सफेद रक्त कणिकाओं की बढ़ी हुई अवस्था में किसी प्रकार के संक्रमण आदि की आशंका होती है। लाइपेज और एमाइलेस नामक एंजाइम्स का स्तर पेंक्रियाज में बढ़ जात कमी होने पर इंटरनल ब्लीडिंग की समस्या भी हो सकती है और रेडियोलॉजी करवाई जाती है। साथ ही अल्ट्रासाउंड की मदद भी ली जाती है, जिससे किसी संक्रमण, स्टोन, एपेंडिक्स, आंतों के किसी अवरोधीम अपेणीक्स आदि के बारे में भी पता चलता है। यही नहीं सीटी स्केन की मदद से भी पेट दर्द से सबंधित रोगों की सही स्थिति का पता लगाने में मदद मिलती है। ट्यूमर आदि होने की स्थिति में एमआरआई की सलाह भी दी जाती है। बच्चों के मामले में लापरवाही और भी महंगी पड़ सकती है।
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