चुकंदर बनाए गुलाबी और सुंदर
लाल-लाल ताजे चुकंदर से ना सिर्फ आप सेहतमंद रहते हैं बल्कि यह आपकी ब्यूटी में भी चार चाँद लगाता है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इसके सेवन से हिमोग्लोबिन बढ़ता है। ब्लड प्यूरीफाई होता है।
एक नए शोध से यह उजागर हुआ है कि चुकंदर का जूस सेहत के लिए सबसे फायदेमंद होता है। इसके जूस की यह विशेषता है कि इससे स्टेमिना में बढ़ता है। खासकर तब जब आप एक्सरसाइज कर के थक गए हों। इस पेय से व्यायाम करते समय थकान कम अनुभव होती है। यह व्यायाम की अवधि 16 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है।
एक्सिटर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार चुकंदर के जूस में पाए जाने वाले नाइट्रेट कसरत के दौरान आक्सीजन की अधिक मात्रा शरीर में जाने से रोकता है। जिससे थकान कम महसूस होती है। शोधकर्ताओं ने इसके प्रमाण के लिए कुछ एक्सपेरिमेंट भी किए।
परीक्षण दौरान 19 से 38 साल के आठ लोगों को शामिल किया गया। साइकिल एक्सरसाइज करते हुए उन्हें लगातार छह दिनों तक चुकंदर का 500 एमएल जूस पिलाया गया। एक दूसरे परीक्षण में साइकिल एक्सर्साइज के दौरान प्लेसबो नामक पेय दिया गया। दोनों की तुलना करने पर पाया गया कि चुकंदर का जूस प्लेसबो नामक पेय से अधिक प्रभावी है। चुकंदर के जूस से व्यायाम की अवधि में 92 सेकंड की वृद्धि हो जाती है। इसके अलावा चुकंदर का जूस व्यायाम के दौरान रक्तचाप स्थिर रखता है।
थके हुए जीवन में ताजगी के अहसास को बनाए रखने में चुकंदर का जूस असरकारी सिद्ध होता है। एक अन्य शोध यह साबित करने में जुटा है कि स्किन और आँखों की सुंदरता के लिए चुकंदर खासा लाभकारी है। त्वचा को जवाँ, चमकदार, चिकनी और गुलाबी बनाए रखने में चुकंदर का जवाब नहीं। उधर भारतीय मूल के एक शोधकर्ता ने अपने अध्ययन में कहा है कि दिल का दौरा पड़ने का जोखिम कम करने के लिए यह अचूक औषधि है ।
लंदन के क्वीन मेरी यूनिवर्सिटी के अमृत्य आहलूवालिया के नेतृत्व में एक दल ने पाया कि चुकंदर के जूस में मौजूद नाइट्रेट नामक रसायन रक्त के दबाव को काफी कम कर देता है। इससे दिल की बीमारी अथवा दौरे का जोखिम कम होता है। चुकंदर में प्राकृतिक तौर पर नाइट्रेट होता है जिससे रक्त में नाइट्रिक आक्साइड गैस बनती है जो रक्त वाहिकाओं और धमनियों को चौड़ा कर रक्त दबाव कम करती है। ‘हाइपरटेंशन ’ पत्रिका में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक चूँकि हाई ब्लडप्रैशर दिल की बीमारी और किडनी फेल होने का मुख्य कारण है इसलिये चुकंदर की अहमियत को स्वीकार करना होगा।
Source: http://hindi.webdunia.com/miscellaneous/health/health/1010/24/1101024026_1.htm
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