* कचोरी कभी भी चकले बेलन से न बेलें, इन्हें हथेली से दबाकर ही बनाएँ।
* बालूशाही बनाने के लिए गोले को हथेली के ऊपरी उठे हिस्से से दबाकर बीच में हल्का-सा दबाव देकर तलें।
* रोटी को पलेथन लगाकर ऐसा बेलें कि रोटी चकले पर अपने आप घूमकर गोल बने। ऐसी बनी रोटी पूरी फूलती है।
* पराठों को परतदार बनाने के लिए गोल रोटी के ऊपर तेल लगाकर सूखा आटा बुरकें, हर मोड़ पर ऐसे करें।
* पूड़ी बेलते समय आटे का पलेथन न लगाकर जरा-सा घी या तेल चकले पर लगाकर बेलें। पलेथन लगी पूड़ी तलने पर तलने वाला घी या तेल में कालापन आ जाता है, जिससे तली पूड़ी देखने में सुंदर नहीं लगती।
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