- चने के कई किस्में आती हैं, काला,पीला,छोटे चने,काबुली,सफेद जो मोटे होते हैं।
- काला चना तथा किशमिश रात को भिगाकर सुबह खाने से औषधीय रूप में गुणकारी तथा पौष्टिक होता है।
- चना भूख से कम खाना चाहिये कारण कारण बाद में फूलता है जिससे दस्त लग सकते हैं।
- सबसे गुणकारी काला चना होता है ।इसे किसी भी रूप में खायें बिना छिलका उतारे।
- चने की दाल तथा बेसन कम इस्तेमाल करें कारण इनकी गुणवत्ता चने से कम होती है कारण ये छिलका उतार कर बनाया जाता है ।
- चने का सत्तू लाभदायक होता है कारण छिलके सहित चने का बनता हैपूरी तरह से फाइबर होता है।काला चना का सत्तू गर्मियों में खाने से लूह नहीं लगती,शरीर ठंडा रहता है।
- छिलका निकाला हुआ चना कब्जकारक होता है।
- काला चना हमारे शरीर में प्रोटीन की आपूर्ति करता है। एक तरह से इसे प्रोटीन का राजा भी कहा जा सकता है।
- काला चना हमारे शरीर की गंदगी को बाहर निकालने में पूरी मदद करता है।
- पेट में गैस तथा कीडे पैदा होंगे ही नहीं साथ शरीर का तापमान भी सामान्य रखता है काले चने में चूना तत्व पाया जाता है साथ ही प्राकृतिक लवण पाया जाता है जो हमें कहीं और से प्राप्त नहीं हो सकता है।
- चने में पाये जाने वाले सभी तत्व खून को साफ रखने में मदद करते हैं साथ ही शरीर का गठन(ठोस बनाते हैं) भी करते हैं।
- बच्चाहो या बूढा सबके लिये फायदेमंद है।कहीं बाहर होने पर भूख लगे तो चना खाना फायदे मंद होता है।
- अधिक परिश्रम करने वालों को अवश्य काला चना छिलके सहित किसी भी रूप में खाना चाहिये।
- घोड़े की ताकत से तो आप समझ ही सकते हैं कि उसका भोजन चना कितना ताकतवर होता है । कहावत है चना खाओ घोड़े सी ताकत पाओ
Sunday, March 27, 2011
काले चने के गुण
चने में अंकुरण के 7 दिन बाद तक मिनरल्स और विटेमिन्स भर पूर मात्रा में रहते हैं, इन्हैं 7 दिनों के अन्दर ही खा लेना अच्छा है. अंकुरित दाने सलाद के रूप में कच्चे या उबाले हुये दोनों तरीके से खाये जा सकते हैं, या आप इनसे अपनी मन पसन्द कोई डिश भी बनाकर खा सकते हैं।
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