गुर्दे की पथरी कैसे बनती है- (सबसे आम बीमारी किडनी की) रोजाना भोजन करते समय उनमें जो कैल्शियम फॉस्फेट आदि तत्व रह जाते हैं, पाचन क्रिया की विकृति से इन तत्वों का पाचन नहीं हो पाता है। वे गुर्दे में एकत्र होते रहते हैं। कैल्शियम, फॉस्फेट के सूक्ष्म कण तो मूत्र द्वारा निकलते रहते हैं, जो कण नहीं निकल पाते वे एक दूसरे से मिलकर पथरी का निर्माण करने लगते हैं। पथरी बड़ी होकर मूत्र नली में पहुंचकर मूत्र अवरोध करने लगती है। तब तीव्र पीड़ा होती है। रोगी तड़पने लगता है। इलाज में देर होने से मूत्र के साथ रक्त भी आने लगता है जिससे काफी पीड़ा होती है।
घरेलू उपाय
- मूली के 100 ग्राम रस में मिश्री मिलाकर बासी मुंह पीने से गुर्दे का दर्द ठीक होता है व पथरी कट-कट कर निकलने लगती है।
- तुलसी की पत्तियां, अजवाइन 10-10 ग्राम, 5 ग्राम सेंधा नमक मिलाकर, कूट पीस प्रतिदिन प्रातः 2-2 ग्राम चूर्ण हल्के गर्म जल के साथ लें।
- 15 दाने बड़ी इलायची एक चम्मच खरबूजे का बीज 2 चम्मच मिश्री, सबको पीसकर, एक कप पानी में मिलाकर दिन में दो बार पिये गुर्दे की पथरी गलने लगती है।
- प्रतिदिन चौलाई का साग खाने से पथरी गलकर निकलने लगती है।
- करेले के 20 ग्राम रस में मधु मिलाकर प्रतिदिन पीने से पथरी नष्ट होकर मूत्र के साथ निकलने लगती है।
- खीरे का रस दिन में 2-3 बार पीने से गुर्दे की पथरी नष्ट हो जाती है।
- प्रतिदिन जामुन खाये गुर्दे की पथरी कट कर निकलने लगती है।
- प्रतिदिन सहजन की फल्ली खायें पथरी कटकर मूत्र के साथ निकलने लगती है।
- 100 ग्राम नारियल पानी, 10 ग्राम पालक का रस मिलाकर पीने से दो सप्ताह में
- पथरी नष्ट हो जाती है।
- कच्चे पालक का रस पीने से पथरी होती ही नहीं।
- जौ का पत्ती का रस पीने से पथरी निकल जाती है।पथरी के रोगियों को जौ से बनी रोटी खानी चाहिये। जौ का सत्तू खायें। इससे पथरी
- पिघलने लगती है और पथरी बनती ही नहीं
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